ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली उपमंडल स्थित एफसीआई के गोदाम के बाहर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रकों में अनाज भरकर एफसीआई को बेचने की तैयारी में डटे हुए हैं। ग्रेडिंग प्रणाली के तहत गहूम खरीदा जा रहा है। खरीद को लेकर डेडलाइन 10 जून को खत्म हो जाएगी। 8 जून तक एफसीआई के गोदाम में टोकन के आधार पर किसानों से गेहूं खरीदी जा रही थी, लेकिन अब वहां भी पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसानों से गेहूं खरीदने का क्रम शुरू कर दिया गया है। किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि गेहूं खरीद को लेकर दी गई डेडलाइन को बढ़ाया जाए ताकि सभी किसान अपनी फसल एफसीआई को बेच सकें।
किसानों का कहना है कि उन्होंने भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के कई चक्कर लगा दिए, जबकि 3 से 4 दिनों तक वह अपनी फसलों को लेकर मेन गेट के बाहर वाहनों में ही बैठे हुए हैं। यदि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उनकी फसल को नहीं खरीदा गया तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसी परिस्थिति में उन्हें मजबूरन बिचौलियों के हाथों अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई औने पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। जिला परिषद ओंकारनाथ कसाना ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार किसानों की इस समस्या को देखते हुए गेहूं खरीद को लेकर दी गई डेडलाइन को बढ़ाए। किसान अपनी फसल एफसीआई को ही बेचना चाहते हैं। ऐसे में सरकार को भी इस और ध्यान देते हुए किसानों से वाजिब मूल्य की में उनकी फसल खरीदनी चाहिए। ओंकारनाथ ने कहा कि सरकार जब किसानों को बिचौलियों से बचाने का प्रयास कर रही है तो इस दिशा में कारगर कदम भी उठाए जाने चाहिए। भारतीय खाद निगम कांगड़ खरीद केंद्र के प्रभारी विकास काले ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार 10 जून तक किसानों से उनकी फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने बताया कि 8 जून तक का टोकन के आधार पर किसानों से ग्रेडिंग करने के बाद फसल खरीदी जा रही थी, लेकिन अब डेडलाइन को 2 दिन बचे हैं। ऐसे में किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर गेहूं बेचने का मौका दिया जा रहा है। हालांकि, काफी सारे किसान अभी गोदाम के बाहर फसलें लेकर खड़े हैं। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जितना संभव हो सकेगा, किसानों की फसल 2 दिनों में खरीदी जाएगी।