मुंबई। मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दी और पहले ही दिन भारी बारिश से देश की वित्तीय राजधानी तथा उसके उपनगरों में कई स्थानों पर पानी भर गया जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सड़क याातायात के साथ ही लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई और पड़ोसी ठाणे, पालघर तथा रायगढ़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक खराब मौसम रहने की भविष्यवाणी की है। साथ ही राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 15 टीमों को महाराष्ट्र के तटीय जिलों में तैनात किया गया है। भारी बारिश के कारण मुंबई के विभिन्न हिस्सों में पानी भर गया और इसके कारण यातायात पुलिस को चार सबवे बंद करने पड़े वहीं कई चालकों को अपने वाहन सड़कों पर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुयीं जो केवल स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मियों के लिए चल रही हैं। पुलिस उपायुक्त (यातायात) पश्चिमी उपनगर सोमनाथ घरगे ने हमने कुछ स्थानों पर दो फुट तक पानी भर जाने के कारण चार सबवे बंद कर दिए हैं। हालांकि, एसवी रोड, लिंकिंग रोड और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात सुचारू है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में मध्यम से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। सीएमओ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि तटीय क्षेत्र के निवासियों को असुविधा न हो और जहां जरूरी हों, राहत कार्य शुरू किए जाएं। भारी बारिश के कारण मुंबई में विभिन्न स्थानों पर पानी भर जाने को लेकर महाराष्ट्र के भाजपा नेता आशीष शेलार ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर निशाना साधा और कहा कि मानसून से पहले सफाई का काम पूरा कर लिए जाने के दावे की पोल खुल गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में मुंबई के नाले, सीवर और खुली नालियों की सफाई में व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती गई। शेलार ने कहा कि शिवसेना शासित बीएमसी के इस दावे की पोल खुल गई है कि मानसून से पहले नालों, सीवर और खुली नालियों की सफाई का सौ प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया था, क्योंकि शहर में भारी बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव हो गया। पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष नगर में नालों, सीवर और खुली नालियों की सफाई के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों, सत्ताधारी दल और अधिकारियों की मिलीभगत से पिछले पांच साल में एक हजार करोड़ रूपये की लूट हुई है।

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