नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकारों को सेंट्रल रोड फंड सीआरएफ के तहत लगभग 7,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। पिछले सात साल में सीआरएफ हासिल करने में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर है। लद्दाख को बिहार, झारखंड और उत्तराखंड से अधिक बजट दिया गया है। इस धन से राज्य सरकारें न सिर्फ जिला व ग्रामीण सड़कों का विकास कर सकेंगी बल्कि अंडरपास-ओवरपास का निर्माण, डिवाइडर, रैलिंग आदि का काम भी कर सकेंगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 9 जून को सीआरएफ के 6935.00 करोड़ रुपये राज्यों को आवंटित किए। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुल आवंटन से प्रथम चरण में 60 फीसदी धनराशि जारी की जाएगी। शेष 40 प्रतिशत पैसा राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर चालू वित्तीय वर्ष के दौरान बाद में दिया जाएगा। बताया गया कि पूर्व में सीआरएफ का पैसा सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों व रेल ओवर ब्रिज-अंडर ब्रिज पर खर्च किया जाता था। पर 2017 में बदले हुए नियमों के तहत ग्रामीण सड़कें, जिला सड़कें, राज्य मार्ग आदि के निर्माण, रखरखाव, मरम्मत आदि पर खर्च किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि देश की सड़क सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए सीआरएफ का 10 फीसदी पैसा रोड सेफ्टी इंजीनियरिंग कार्यों पर खर्च करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सीआरएफ में उत्तर प्रदेश को 616.29 करोड़ रुपये, उत्तराखंड को 98.80 करोड़ रुपये, बिहार को 201.06 करोड़, झारखंड को 164.25 करोड़, दिल्ली को 27.20 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। सबसे कम बजट पुडुचेरी (7.39 करोड़) का है। लद्दाख का बजट बिहार, झारखंड, उत्तराखंड से अधिक 246.22 करोड़ रुपये है।

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