इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन से जुडे मामले को लेकर गिरफ्तार हुए एक शख्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। शख्स को एक महिला का अपहरण करने, उसके साथ बलात्कार करने और शादी के लिए उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप है। आरोपी का नाम मुन्ना खान है जो महोबा में रहता है। उसे इस आधार पर जमानत दे दी गई क्योंकि कोर्ट ने पाया कि कथित पीड़िता आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी, जो उसका पड़ोसी था। कोर्ट ने ये भी पाया कि पीड़िता के साथ जो कुछ भी हुआ, उसमें वो बराबर की भागीदार थी। इसी साल 4 मार्च को कोतवाली नगर पुलिस थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। यूपी में पिछले साल नवंबर में धोखे से धर्म परिवर्तन रोकने के लिए एक अध्यादेश पारित किया गया था। इसी अध्यादेश की धारा 3 और 5(1) के तहत मुन्ना खान पर एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर के मुताबिक मुन्ना पर अपने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की का अपहरण करने, उसका बलात्कार करने और शादी के लिए इस्लाम में कन्वर्ट कराने का दबाव डालने का आरोप लगा था जबकि दिसंबर 2020 में लड़की की शादी किसी दूसरे व्यक्ति से हो चुकी थी।
मुन्ना को जमानत देते हुए कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को दिए पीड़िता के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें पीड़िता ने बताया था कि 8 दिसंबर 2020 को दूसरे व्यक्ति से शादी करने से पहले वो 4 साल तक आरोपी के साथ रिलेशन में थी। शादी के बाद लड़की पति के साथ दिल्ली चली गई, लेकिन 8 फरवरी को वो अपने माता-पिता के पास महोबा लौट आई। इसके बाद वो 18 फरवरी को मुन्ना खान के साथ भाग गई और 2 मार्च तक औरई में मुन्ना की बहन के घर पर ही ठहरी लेकिन दो दिन बाद, एफआईआर में लड़की ने मुन्ना और उसकी बहन पर धर्म बदलवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। इस पर कोर्ट ने कहा कि लड़की आरोपी के साथ 4 साल तक रिलेशन में रही, लेकिन अध्यादेश पास होने के बाद लड़की अपने अधिकारों को लेकर अचानक कैसे जागरूक हो गई?