नई दिल्ली। सिगनल प्रणाली ट्रेन परिचालन में सुरक्षा बढ़ाती है। भारतीय रेलवे में उपयोग में आने वाले उपकरणों का अपग्रेडेशन और रिप्लेसमेंट एक सतत प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को इसकी स्थिति, परिचालन आवश्यकताओं और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। ट्रैन संचालन में सुरक्षा को और बेहतर बनाने और अतिरिक्त लाइन क्षमता उत्पन्न करने के लिए, सिग्नलिंग प्रणाली के आधुनिकीकरण का काम शुरू किया गया है, जिसमें शामिल हैं-
-सुरक्षा और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) का प्रावधान-
ट्रैन संचालन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ प्राप्त करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। 30.04.2021 तक 2221 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की गई है, जिसमें भारतीय रेल का 34 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) प्रदान करने के लिए भी नीतिगत निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, अगले 3 वर्षों में 1550 ईआई प्रदान करने की योजना है। इससे ट्रैन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी।
– लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस)
भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर अधिक ट्रेनें चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक लागत प्रभावी समाधान है। 30.04.2021 तक, 3447 किलोमीटर रेल मार्ग पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली प्रदान की गई है। भारतीय रेलवे ने उच्च घनत्व और गहन माल ढुलाई मार्गों पर लगभग 15000 किलोमीटर रेलमार्ग पर स्वचालित सिग्नलिंग शुरू करने की योजना बनाई है। इस परियोजना पर मिशन मोड में काम शुरू करने की योजना है। स्वचालित सिग्नलिंग के कार्यान्वयन से क्षमता में वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप अधिक रेल सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
– लेवल क्रॉसिंग फाटकों पर सुरक्षा
लेवल क्रॉसिंग फाटकों पर सुरक्षा बढ़ाना चिंता का एक प्रमुख विषय रहा है। सिग्नल के साथ लेवल क्रॉसिंग को इंटरलॉक करने से सुरक्षा बढ़ जाती है। 30.04.2021 तक भारतीय रेलवे ने लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 11,705 लेवल क्रॉसिंग फाटकों पर सिग्नल के साथ इंटरलॉकिंग प्रणाली प्रदान की है।
– मानव त्रुटि को रोकने के लिए लोको पायलट की सहायता के रूप में एटीपी प्रणाली
लोको पायलटों की सहायता के रूप में दुनिया में उन्नत रेलवे सिस्टम द्वारा एटीपी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। ये प्रणाली लोको पायलट द्वारा किसी मानवीय त्रुटि के कारण टकराव को रोकते हैं। सुरक्षा में सुधार के लिए, अब मिशन मोड में भारतीय रेलवे (आईआर) को एटीपी प्रणाली प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।