नई दिल्ली। चीन भारत के खिलाफ साइबर जासूसी ऑपरेशन चला रहा है। साइबर खतरे की खुफिया जानकारी देने वाली कंपनी ने बताया कि चीन के साइबर सैनिकों की एक इकाई ने भारत की टेलीकॉम कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और कई डिफेंस ठेकेदारों को अपना शिकार बनाया है। इससे पहले भी खबर आई थी कि चीन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में साइबर हमले कर रहा है। चीन का यह जासूसी अभियान सैन्य जानकारी एकत्र करने के लिए किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिकॉर्डेड फ्यूचर नाम की कंपनी के इन्सिक्ट ग्रुप ने पाया है कि संदिग्ध चीनी समूह 2020 से ही भारतीय संस्थानों को निशाना बना रहे हैं। 2021 में भी उनकी गतिविधियों को नोटिस किया गया है। इस समूह का नाम रेड फोक्सट्रॉट है। इससे पहले कंपनी ने जानकारी दी थी कि चीन ऊर्जा क्षेत्र में भारत के अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर और पोर्ट क्षेत्र को निशाना बना रहा है। उस समय समूह की पहचान रेडइको के रूप में हुई थी। इस कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में है।
रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट समूह के एक व्यक्ति ने बताया खासतौर से भारत में हमने एक समूह की पहचान की है, जो बीते 6 महीनों में सफलतापूर्वक दो टेलीकॉम संस्थाओं, तीन डिफेंस कॉन्ट्रेक्टर्स और कई अतिरिक्त सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को निशाना बना रहा है। इनसिक्ट ग्रुप के प्रतिनिधि ने बताया कि विशेष रूप से, ये गतिविधियां उस समय हुईं, जब भारत और चीन के बीच काफी तनाव था। बताया जा रहा है कि प्रभावित कंपनियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्लॉग पोस्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने बताया है कि ये प्राप्तियां नेटवर्क ट्रैफिक, हमलावरों की तरफ से इस्तेमाल किए गए मालवेयर के फूटप्रिंट्स, डोमेन रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड्स और डेटा ट्रांसमिटिंग के विश्लेषण पर आधारित थीं। रिपोर्ट में कंपनी के प्रतिनिधि के हवाले से लिखा गया, हम मानते हैं कि इस क्षेत्र के संस्थानों को लगातार लक्ष्य बनाने के आधार पर रेडफॉक्सट्रॉट सैन्य और सुरक्षा जानकारी हासिल करने के लिए साइबर जासूसी ऑपरेशन चला रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, रिकॉर्डेड फ्यूचर की एनालिसिस में पता चला है कि रेडफॉक्सट्रॉट के तार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की यूनिट 69010 से जुड़े हुए हैं। कहा जा रहा है कि इसके हेडक्वार्टर्स शिनजियां के उरुमकी में हो सकते हैं। मार्च 2021 में भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) ने कहा था कि उन्हें संकेत मिले हैं कि चीन से जुड़े साइबर के लोग भारतीय परिवहन क्षेत्र के खिलाफ जासूसी अभियान चला रहे हैं।