नई दिल्ली। आपकी बैड पेरेंटिंग आपके बच्‍चे के भविष्‍य को बिगाड़ सकती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे संकेत बता रहे हैं, जो बैड पेरेंटिंग के साइन होते हैं।बच्‍चे के कुछ गलत करने पर उसे बहुत ज्‍यादा डांटना, उस पर नेगेटिव असर डाल सकता है। वहीं अगर बच्‍चा ईमानदारी से आपको अपनी गलती के बारे में बताएं और उसे स्‍वीकार कर ले और आप तब भी उसे डांटें, तो इसका और भी ज्‍यादा बुरा असर बच्‍चे पर पड़ता है। कई बार पैरेंट्स अपना आप खो बैठते हैं और दूसरों के सामने ही बच्‍चे को डांट लगा देते हैं। इसका बच्‍चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
बच्‍चों को उनकी सीमाएं बताना जरूरी होता है वरना उन्‍हें तो पता ही नहीं चल पाता कि उन्‍हें कहां रूकना है। अगर बच्‍चे को डिसिप्लिन के साथ बड़ा न किया जाए तो घर से बाहर निकलने पर उसके खुद के लिए ही मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जब पैरेंट्स दूसरे बच्‍चों को अपने बच्‍चे से बेहतर मानने लगते हैं और हर वक्‍त उनकी तारीफ करते हैं, तो इसका बुरा असर बच्‍चे के दिमाग पर पड़ता ही है। इससे बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास भी टूट सकता है। दूसरों से अपने बच्‍चे की किसी भी तरह से तुलना करना गलत ही होता है इसलिए ऐसा करने से बचें।जब बच्‍चे की भावनाओं और उसकी राय को कोई तवज्‍जों नहीं दी जाती है और उन्‍हें इग्‍नोर कर दिया जाता है, तो इसका बच्‍चों पर नेगेटिव असर पड़ता है। पैरैंट्स को अपने बिजी शेड्यूल से कुछ भी कर के समय निकालना चाहिए और अपने बच्‍चे से बात करनी चाहिए। उसकी फीलिंग्‍स की भी कद्र करें। यदि पैरेंट्स की पेरेंटिंग में कोई कमी हो तो इसकी बहुत बड़ी कीमत बच्‍चे को चुकानी पड़ती है। इन बच्‍चों में डिप्रेशन हो सकता है।
इमोशनल और फिजिकल सपोर्ट न मिलने, शारीरिक प्रताड़ना मिलने पर बच्‍चे डिप्रेशन में आ सकते हैं।वहीं कुछ बच्‍चे गुस्‍सैल स्‍वभाव के बन जाते हैं। जब बच्‍चे का अपने पिता या मां से रिश्‍ता खराब हो जाए तो इसका सीधा असर उसके स्‍वभाव पर पड़ता है। य‍दि घर में ही बच्‍चों के साथ भेदभाव किया जाए तो इन बच्‍चों में सहानुभूति की कमी देखी जा सकती है। ये बच्‍चे दूसरों से अपनी फीलिंग्‍स शेयर नहीं कर पाते हैं और इमोशनली कमजोर बनते हैं। आगे चलकर ये अपने किसी भी रिश्‍ते पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। बता दें ‎कि पैरेंट्स की बैड पेरेंटिंग की वजह से बच्‍चों पर लंबे समय तक बुरा असर पड़ सकता है। कई पैरेंट्स तो अपने बच्‍चों को वैसे ही पालते हैं जैसे उनकी परवरिश की गई थी जो कि गलत है क्‍योंकि उनके टाइम और अब उनके बच्‍चे के टाइम में सोसायटी में काफी बदलाव आ चुके होते हैं।

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