नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए गठित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण समिति की रिपोर्ट पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पर इन राज्यों में बगावत शुरू हो गई है। असम में चार बार से विधायक रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी का साथ छोड़ते हुए विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। कुर्मी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। रूपज्योति कुर्मी का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। कुर्मी नेता विपक्ष के नेता के पद के दावेदारों में भी शामिल थे। उनका ताल्लुक चाय बगान श्रमिक समुदाय से है और पार्टी ने चुनाव रणनीति चाय श्रमिकों को केंद्र में रखकर बनाई थी। असम कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुर्मी सिर्फ शुरुआत भर हैं। अभी कई और विधायक पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंता बिस्मा सरमा सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। प्रदेश में अपनी पकड़ को मजबूत करने और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सामने खुद को साबित करने के साथ सरमा के सामने एक और चुनौती है। अगले साल दो राज्यसभा सीट पर चुनाव है। यह दोनों सीट अभी कांग्रेस के पास हैं और रिपुण बोरा व रानी नाराह सांसद हैं। ऐसे में भाजपा दूसरी पार्टियों के विधायकों से इस्तीफा दिलाकर दोनों सीट जीतने की कोशिश कर सकती है। इसके अलावा पार्टी के अंदर भी सबकुछ ठीक नहीं है। कई विधायक प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हार की समीक्षा के लिए गठित समिति से चर्चा के दौरान कई विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुण बोरा से नाराजगी जताई हैं। ऐसे में पार्टी ने समिति की सिफारिशों को आधार बनाकर जल्द बदलाव नहीं किया तो नाराजगी बढ़ सकती है।

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