नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए डेल्टा वैरिएंट के चलते वैक्सीन भी बेअसर हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह आशंका जताई गई है। इसके चलते दुनिया भर में एक बार फिर से कोरोना संकट की नई लहर का संकट पैदा हो गया है। डब्ल्यूएचओ के महामारी विशेषज्ञ ने सोमवार को कहा कि डेल्टा वैरिएंट के चलते वैक्सीन का असर भी कम होता दिख रहा है। हालांकि अब भी वैक्सीन के चलते कोरोना का असर ज्यादा गंभीर नहीं हो रहा और मौत जैसी स्थिति से बचाने में कारगर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना के ऐसे नए म्यूटेंट भी एक्टिव हो सकते हैं, जिनके चलते वैक्सीन्स का असर कम हो सकता है। डेल्टा वैरिएंट के म्यूटेशन के चलते डेल्टा प्लस वैरिएंट पैदा हुआ है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। माना जाता है कि इसके चलते ही देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखने को मिला था। ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों में भी डेल्टा वैरिएंट का कहर देखने को मिला है। इस बीच महाराष्ट्र में डेल्टा वैरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं। राज्य के हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने यह जानकारी दी है। केरल में भी डेल्टा प्लस कम से कम तीन मामला सामने आए हैं। अधिकारियों ने कहा कि केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिलों से एकत्र किए गए नमूनों में SARS-CoV-2 डेल्टा-प्लस वैरिएंट के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं। बता दें कि डेल्टा प्लस को कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है। कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा, अभी तक ये चार वैरिएंट सामने आए हैं। खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन इन चार वैरिएंट के बारे में जानकारी दे चुका है। इसमें सबसे खतरनाक डेल्टा वैरिएंट जो भारत में भी पाया गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लगर में डेल्टा वैरिएंट ने ही कहर बरपाया है।

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