नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित उत्तरी क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित किया। मंत्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने खेती-किसानी के विकास तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ मौजूदा उद्यमों को एक समृद्ध वातावरण प्रदान करने के लिए देश की खाद्य और बागवानी क्षमता का उपयोग करने हेतु अनेक पहल की हैं। भारत सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है और इस संबंध में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के एक भाग के रूप में, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए नई लिंक्ड प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। इस पर लगभग 11 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
तोमर ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों (पीएमएफएमई) योजना का प्रधानमंत्री औपचारिककरण शुरू किया है। इस योजना में कृषि-खाद्य प्रसंस्करण में लगे सहायक समूहों जैसे कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और उत्पादक सहकारी समितियों पर उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सीआईआई एक प्रमुख उद्योग संगठन है, जो देश को विकास पथ पर आगे ले जाने में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इन पहलों पर योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। उन्होंने सीआईआई से देश में उपलब्ध खाद्यान्न व बागवानी के संसाधनों पर उनके प्रसंस्करण के साथ तुलनात्मक अध्ययन करने का अनुरोध किया, जिससे भारत सरकार गैप्स भरने के लिए एक रणनीति तैयार कर सके। इस अवसर पर मनोज जोशी, अतिरिक्त सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रसंस्कृत खाद्य के फोर्टीफिकेशन और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं को पूरा करने के क्षेत्र में सरकार और उद्योग द्वारा संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।