नई दिल्ली। शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने कोविड-19 के लिए आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित रैपिड एंटीजन जांच किट लॉन्च की। इस रैपिड एंटीजन जांच किट को संस्थान के सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. हरपाल सिंह के नेतृत्व में आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वार विकसित किया है। राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं और उसके विनिर्माण भागीदारों को बधाई देते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि यह तकनीक देश में कोविड परीक्षण उपलब्धता में क्रांति लाएगी। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस किट को पूरी तरह से आईआईटी दिल्ली में आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके विकसित किया है।
श्री धोत्रे ने शोधकर्ताओं प्रो.हरपाल सिंह और डॉ.दिनेश कुमार को भी बधाई दी। उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित तकनीकों और भारत में बने उत्पादों का उपयोग करके महामारी से लड़ने में देश को आत्मानिर्भर बनने में सहायता करने के लिए आईआईटी दिल्ली को भी धन्यवाद दिया। धोत्रे ने कोविड-19 के दौरान परीक्षण किटों और वेंटिलेटरों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख संस्थानों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान व विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अनुसंधान, विकास और नवाचारों के माध्यम से आत्मानिर्भर भारत पर ध्यान दे रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और अन्य पहलों जैसे पीएम रिसर्च फेलोशिप में अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने से हमारे देश में अनुसंधान की गुणवत्ता में और सुधार करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि वेल्थ क्रिएशन में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थान होने के नाते इसमें आईआईटी की प्रमुख भूमिका है।
उन्होंने प्रमुख संस्थानों को अपने परिसरों में अनुसंधान केंद्रों और नवाचार पार्कों को और अधिक जीवंत बनाने और उद्योग अकादमिक लिंकेज को सक्रिय करने को कहा। आम नागरिकों के बीच विज्ञान प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के लिए उन्होंने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को प्रिंट और अन्य मीडिया माध्यमों द्वारा इन मुद्दों पर और अधिक लिखने, आम जनता के लिए व्याख्यान देने व लोकप्रिय विज्ञान फिक्शन और गैर-फिक्शन लेखन के क्षेत्र में काम करने के लिए कहा। उन्होंने स्कूल के छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यम करने को लेकर प्रेरित करने के लिए नजदीक के स्कूली छात्रों के साथ आईआईटी प्रोफेसरों और छात्रों की नियमित बातचीत के लिए प्रणाली विकसित किये जाने की बात कही।

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