नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोच्चि में मेसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। राजनाथ सिंह के साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, दक्षिणी नौसेना कमान वाइस एडमिरल ए के चावला भी थे। रक्षामंत्री ने निर्माण स्थल का दौरा किया और उनको नवंबर 2020 के दौरान पूरा किए सफल बेसिन ट्रायल्स के बारे में जानकारी दी गई। तब से कई अन्य नौवहन, संचार और परिचालन प्रणालियों के एकीकरण पर हासिल की गई प्रगति के बारे में भी उन्हें बताया गया, क्योंकि इससे ही स्वदेशी विमानवाहक पोत के प्रथम कांट्रेक्टर सी ट्रायल्स (सीएसटी) की तैयारी होती है जिनका आगामी महीनों में होना अपेक्षित है।
स्वदेशी विमानवाहक पोत को 2022 की पहली छमाही में आईएनएस विक्रांत के रूप में नौसेना में कमीशन किया जाएगा, जो समुद्र में सबसे शक्तिशाली परिसंपत्ति होगी। यह जहाज मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 एयर अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टरों का संचालन करेगा, जल्द ही एमएच-60आर बहु-भूमिका हेलीकाप्टर और स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। यह लंबी दूरी पर वायु शक्ति को प्रोजेक्ट करने की क्षमता के साथ एक अतुलनीय सैन्य उपकरण होगा जिसमें वायु निषेध, एन्टी सरफेस वारफेयर, आक्रामक और रक्षात्मक काउंटर-एयर, एयरबोर्न एंटी-सबमरीन वारफेयर एवं एयरबोर्न अर्ली वार्निंग शामिल हैं।
यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री के लिए भारतीय नौसेना के विभिन्न जारी नवाचारों, स्वदेशीकरण और सहयोगों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। प्रमुख प्रदर्शनों में ऑक्सीजन रीसाइक्लिंग सिस्टम (ओआरएस) शामिल था, जो वर्तमान में चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में नैदानिक परीक्षणों के तहत है, वर्तमान में पीएम केयर अस्पतालों में इस्तेमाल किए जा रहे नवरक्षक पीपीई और मास्क; रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सिस्टम और ऐसे कई अन्य नवाचार जिन्होंने किफायती, प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल चिकित्सा समाधान प्रदान किए।