नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन प केंद्र सरकार व स्वीस्थ्य विभाग कई बार अपना रुख बदल चुके हैं। इसका नया उदाहर है कि मई महीने में अगस्त से दिसंबर के बीच वैक्सीन की करीब 216 करोड़ डोज की उपलब्धता का दावा करने वाली मोदी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अब 135 करोड़ टीके ही उपलब्ध होंगे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया है कि पहले के टारगेट के हिसाब से 81 करोड़ वैक्सीन की कमी का अनुमान है। केंद्र सरकार के अनुसार इसमें कोविशील्ड के 50 करोड़, कोवैक्सीन के 40 करोड़, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन के 30 करोड़, जाइडस कैडिला वैक्सीन के 5 करोड़ और स्पुतनिक वी के 10 करोड़ टीके शामिल होंगे। इसे एक तरह से सरकार का यू टर्न माना जा रहा है।
सरकार ने कोर्ट से कहा कि 31 जुलाई तक कोविड टीके की कुल 51.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें से 35.6 करोड़ खुराक पहले ही मुहैया करायी जा चुकी हैं। बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराने की स्थिति को लेकर केंद्र ने हलफनामे में कहा कि भारत के दवा नियामक ने 12 मई को भारत बायोटेक को उसके टीके कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल दो से 18 साल के प्रतिभागियों पर करने की अनुमति प्रदान की थी और इस परीक्षण के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है। मई में केंद्र सरकार ने अगस्त से दिसंबर के दौरान भारत में 216 करोड़ कोरोना टीकों की मैन्युफैक्चरिंग का ऐलान किया था। तब नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था, ‘देश में अगस्त से दिसंबर के दौरान कुल 216 करोड़ कोरोना टीके तैयार किए जाएंगे। ये टीके पूरी तरह से भारत और भारतीयों के लिए ही बनेंगे। उन्होंने कहा था कि इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि आने वाले समय में सभी को वैक्सीनेशन के तहत कवर किया जाएगा। अदालत को यह भी बताया गया कि डीएनए टीका विकसित कर रहे जायडस कैडिला ने 12 से 18 वर्ष के आयु-समूह पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और इसे वैधानिक मंजूरी मिलने के बाद यह टीका निकट भविष्य में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकता है। हलफनामे में सरकार ने यह भी कहा कि देश की पात्र आबादी का टीकाकरण करने के वास्ते टीका उपलब्ध रहेगा। वहीं, केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को यह भी बताया कि वे देश में कोविड-19 के मामलों में इजाफा होने की सूरत में इससे निपटने के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और इसके बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत कर रहे हैं। शीर्ष अदालत में केंद्र ने कहा कि इस चरण में मामलों में फिर से वृद्धि होने की संभावना जताना काल्पनिक होगा। हालांकि, संक्रमण के मामलों में इजाफा वायरस के व्यवहार और लोगों के व्यवहार के पैटर्न पर निर्भर करेगा कि क्या वे कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कर रहे हैं या नहीं? इसमें कहा गया कि राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगातार सतर्कता बरतने को लेकर आगाह किया गया है और उन्हें संबंधित राज्य में कोविड के प्रसार में बढ़ोतरी होने की दशा में इससे निपटने के लिए सभी तैयारियां करने को भी कहा गया है।