नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और ऐसा बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के पीछे डेल्टा प्लस वैरिएंट ही हो सकता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर कई जानकार कह चुके हैं कि ये कोरोना वायरस का अबतक का सबसे ज्यादा संक्रामक म्यूटेंट है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि इससे निपटने के लिए पहले से ही महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। संगठन का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट को अगर फैलने से रोकना है तो इसके लिए वैक्सीन के साथ-साथ मास्क और दो गज दूरी जैसे कदम भी उठाने होंगे। वैक्सीनेशन के साथ-साथ मास्क भी बहुत जरूरी है क्योंकि डेल्टा के खिलाफ सिर्फ वैक्सीन असरदार नहीं है। हमें छोटे समय में ही तैयारियां करनी होंगी, नहीं तो एक बार फिर लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ेगा। यूट्यूब के एक शो में डब्ल्यूएचओ के रूस के प्रतिनिधि मेलिटा वुजनोविक ने ये सब जानकारी दी। वुजनोविक ने कहा कि वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है क्योंकि इससे संक्रमण की दर कम हो जाती है और बीमारी के गंभीर होने की संभावना भी घटती है। बता दें कि डेल्टा प्लस वैरिएंट काफी आसानी से फैल जाता है और फेफड़ों तक भी आसानी से पहुंच जाता है। बता दें कि गले से लेकर फेफड़ों तक जाने में डेल्टा प्लस वैरिएंट को ज्यादा समय नहीं लगता है। 
बता दें कि महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया था। डेल्टा वैरिएंट की वजह से कई देशों में कोरोना का संक्रमण और तेजी से फैला। देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला मार्च में आया था और अबतक इसके कई मामले सामने आ चुके हैं।  केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जानकारी दी थी कि देश के 12 राज्यो में डेल्टा प्लस वैरिएंट मौजूद है और महाराष्ट्र में इसके सबसे ज्यादा मामले हैं। इसके अलावा शनिवार को गुजरात में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला पाया गया। इसके अलावा लुधियाना और चंडीगढ़ में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले मिले हैं।

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