नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा था कि वह जुलाई-अगस्त से हर दिन करीब 1 करोड़ टीके लगाकर इस साल के अंत तक देश की व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा कर लेगी। हालांकि, एक दिन में एक करोड़ टीके लगाए जाने का लक्ष्य अगले माह भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। दरअसल, जुलाई में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना रोधी टीके की 12 करोड़ खुराकें मुहैया करवाएगी। इसमें से 10 करोड़ डोज जहां कोविशील्ड की होंगी तो वहीं 20 करोड़ खुराकें कोवैक्सीन की होगी। वैक्सीन की 12 करोड़ खुराकों में से 75 फीसदी को केंद्र द्वार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा तो वहीं नई वैक्सीन नीति के तहत 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पतालों के लिए रहेंगी। बता दें कि 21 जून से 27 जून का हफ्ता टीकाकरण के लिहाज से भारत के लिए सबसे बेहतर रहा है। इस हफ्ते में हर दिन औसतन 60 लाख टीके लगे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले माह टीकाकरण की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। 12 करोड़ टीकों के हिसाब से हर दिन औसतन देश में 40 लाख खुराकें ही दी जाएंगी। जून माह में रविवार यानी 27 जून तक देश के अंदर 10.6 करोड़ खुराकें लगाई गई हैं। सिर्फ इसी हफ्ते देश में 4.2 करोड़ खुराकें दी गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आगामी माह के लिए राज्यों को पहले से ही यह जानकारी दे देता है कि उन्हें टीके की कितनी डोज मिलने वाली हैं, ताकि टीकाकरण का संचालन उसी के अनुरूप हो सके। देश में फिलहाल कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दो टीकों के जरिए केंद्र सरकार वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रही है। इसके अलावा रूस की कोरोना रोधी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी भारत में 13 अप्रैल को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी और यह अब कुछ निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। भारत में अभी तक कुल 26.5 करोड़ लोगों को कोरोना टीके की 37.1 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। इनमें से 20.9 करोड़ लोगों को जहां कोरोना टीके की पहली खुराक लगी है तो वहीं 5.64 करोड़ लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। अगस्त माह में हर दिन एक करोड़ टीके देने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए देश को 30 करोड़ से ज्यादा खुराकों की जरूरत होगी।

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