नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के लेह में अशोक चक्र विजेता नायब सूबेदार (मानद) छेरिंग म्यूटुप (सेवानिवृत्त) और महावीर चक्र विजेता कर्नल सोनम वांगचुक (सेवानिवृत्त) समेत 300 पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राष्ट्र की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में उनके अद्वितीय समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दशकों लंबे इंतजार को समाप्त करते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना शुरू करने का फैसला पूर्व सैनिकों के कल्याण और संतुष्टि के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद आपका भी उसी तरह से ख्याल रखना है जिस तरह आप सभी ने देश की सुरक्षा का ध्यान रखा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पुनर्वास के मामले के समाधान के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनमें पुनर्वास महानिदेशालय के माध्यम से रोजगार मेलों का आयोजन शामिल है, जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों को रोजगार दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए डिजिटल इंडिया के तहत कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। इनमें विशेष रूप से चल रही कोविड-19 महामारी के दौरान टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-सेहत पोर्टल का शुभारंभ और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) की शुरुआत शामिल है। इस अवसर पर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर आरके माथुर, लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी उपस्थित थे। बाद में राजनाथ सिंह ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद लेह, कारगिल के निर्वाचित प्रतिनिधियों और लेह में अधिकारियों से मुलाकात की।

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