अहमदाबाद। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में दो फाड़ के बाद चिराग पासवान लगातार सक्रिय बने हुए हैं। बिहार के साथ ही वह देश के अन्य राज्यों में भी पार्टी गतिविधियों की टोह लेकर उसे मजबूत करने में लगे हुए हैं। इसी रणनीति के तहत चिराग पासवान ने सोमवार को अहमदाबाद में पूरा दिन बताया। यहां चिराग पासवान ने बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात की। हालांकि, जब चिराग से मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो एक निजी काम से आए थे। हालाकि उनकी इस यात्रा से सियासी अटकलें बढ़ गई हैं।
सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट से चिराग पासवान बीजेपी नेता के एसजी हाइवे स्थित दफ्तर पहुंचे। यहां उनकी लंबी बातचीत चली। इस मुलाकात के बाद ये भी चर्चाएं शुरू हो गईं कि क्या चिराग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
चिराग पासवान ने इशारों-इशारों में भले तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताया हो, लेकिन अहमदाबाद में इस मुलाकात के बाद सियासी अटकलें फिर तेज हो गई हैं क्योंकि चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी नेता से मुलाकात की है। इधर, पटना की सड़कों पर जो पोस्टर लगाए जा रहे हैं वे अलग ही कहानी बयान कर रहे हैं। पोस्टर में चिराग पासवान को हनुमान बताया गया है। साथ ही इस पोस्टर पर लिखा गया है कि नरेंद्र मोदी है तो मुमकिन है। लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंट गई है। पशुपति पारस और सांसदों की बगावत के बाद चिराग पासवान बैकफुट पर आ गए हैं और वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। सियासी संकट में घिरे चिराग ने कहा था कि परिवार ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा है तो बीजेपी ने मंझधार में छोड़ दिया।

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