बेंगलुरू। भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य उदिता टोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेने को लेकर उत्साहित है। भारतीय महिला टीम की अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी उदिता ने कहा है कि उन्हें भाग्य से ही यह अवसर मिला है। छह साल पहले वह हैंडबॉल खेलती थी। उसे छोड़कर हॉकी में आना उनके लिए फायदेमंद रहा है। अब तक 32 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली यह खिलाड़ी टोक्यो खेलों के लिए घोषित की गई 16 सदस्यीय भारतीय टीम में शामिल है।
उदिता ने कहा कि जीवन में कब क्या बदलाव आ जायें कह नहीं सकते। यह आपको कहां से कहां ले जाता है। मैंने छह साल पहले ही हॉकी खेलना शुरू किया उससे पहले मैंने हैंडबॉल खेला है। यह भाग्य ही था क मेरे हैंडबॉल कोच लगातार 3 दिनों तक नहीं आये जिस कारण मैंने वैकल्पिक खेल के रूप में हॉकी का चयन कर लिया। हॉकी खेलने के विकल्प ने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। कुछ समय बाद ही इसमें रुचि बढ़ने से मैंने इसी को करियर बना लिया। घरेलू टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर ही मुझे साल 2015 में जूनियर राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया था। इसके बाद 2016 में मुझे जूनियर टीम में अवसर मिला इसके बाद साल 2017 में राष्ट्रीय टीम के लिए जगह मिलने के बाद मुझे साल 2018 एशियाई खेलों में जगह मिली। इस दौरे में भारतीय टीम को रजत पदक मिला। वह भाग्यशाली रही हैं कि उन्हें अपने करियर में अब तक कुछ सबसे बड़े खेल आयोजनों ओलंपिक में जाने का अवसर मिला है।