नई दिल्ली। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मिशन मोड में भारतीय रेलवे अगले कुछ वर्षों में 11,5000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 58 अति महत्वपूर्ण और 68 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सौंपने के लिए तैयार है। कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे पटरियों की क्षमता बढ़ाने के लिए अत्यावश्यक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। पिछले एक वर्ष में 11,588 करोड़ रु की लागत वाली कुल 1,044 किलोमीटर लंबाई की 29 अति महत्वपूर्ण परियोजनाएं चालू हो गई हैं। भारतीय रेल ने 39,663 करोड़ रु की लागत वाली कुल 3,750 किलोमीटर लंबाई की कुल 58 अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं को चिन्हित किया है। इन 58 अति महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से 27 परियोजनाएं दिसंबर, 2021 तक पूरी हो जाएंगी जबकि शेष 02 परियोजनाएं मार्च 2022 तक सौंपी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल नेटवर्क का अधिकांश यातायात गोल्डन चतुर्भुज, उच्च घनत्व नेटवर्क मार्गों और अत्यधिक उपयोग किए गए भारतीय रेलवे नेटवर्क मार्गों पर चलता है। उच्च घनत्व और अत्यधिक उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क मार्ग में भारतीय रेलनेटवर्क कीमार्ग लंबाई 51 प्रतिशत है लेकिन इसमें 96 प्रतिशत यातायात है। यातायात घनत्व, ले जाई जाने वाली सामग्री के प्रकार, रणनीतिक दृष्टि से मार्ग के महत्व के आधार पर तेजी से प्रगति कर रही परियोजनाओं (व्यय पहले ही 60 प्रतिशत से अधिक) सहित तत्काल विस्तार के लिए आवश्यक परियोजनाओं को अति महत्वपूर्ण श्रेणी (58 परियोजनाएं) में रखा गया है।