नई दिल्ली। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग सचिव पंकज कुमार ने ऑनलाइन कार्यक्रम में गंगा नदी घाटी के हिमनद झील एटलस, जिसे ग्लेशियल लेक एटलस भी कहा जाता है, उसका विमोचन किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में अंतरिक्ष विभाग सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष डॉ. के सिवन के अलावा जल संसाधन विभाग, अंतरिक्ष विभाग, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह हिमनद झील एटलस गंगा नदी घाटी से पैदा होने वाली हिमनद झीलों पर आधारित है जो इसके उद्गम स्थल से लेकर हिमालय की तलहटी तक 2,47,109 वर्ग किमी के जलग्रहण क्षेत्र को कवर करती हैं।
गंगा नदी बेसिन के अध्ययन में भारत का हिस्सा और सीमा पार क्षेत्र शामिल हैं। यह एटलस एनआरएससी, इसरो के भुवन पोर्टल (https://bhuvan.nrsc.gov.in/nhp/), इंडिया डब्ल्यूआरआईएस पोर्टल (www.indiawris.gov.in) औ जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की एनएचपी वेबसाइट (www.nhp.mowr.gov.in) पर भी उपलब्ध है। अंतरिक्ष विभाग सचिव और इसरो अध्यक्ष डॉ.के.सिवन ने एनआरएससी के एनएचपी-भुवन पोर्टल का भी शुभारंभ किया। राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना या एनएचपी-भुवन पोर्टल एनएचपी के तहत एनआरएससी द्वारा की गई पहलों पर जानकारी का एक भंडार है, जिसमें एनआरएससी द्वारा तैयार रिपोर्ट को डाउनलोड किया जा सकता है और इससे संबंधित जरूरी जानकारियों को भी प्राप्त किया जा सकता है।