नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने टीकों और दवाओं को खोजने के काम में गति लाने के लिए नए कोविड-19 वेरिएंट के जीनोम अनुक्रमण को तेज करने का आह्वान किया है। उपराष्ट्रपति हैदराबाद पहुंचने के तुरंत बाद सीसीएमबी के लाकोन्स (लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला) सुविधा को देखने गए। उन्होंने लाकोन्स के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. कार्तिकेयन वासुदेवन के प्रेजेंटेशन को देखा और सुविधा में राष्ट्रीय वन्यजीव आनुवंशिक संसाधन बैंक, सहायक प्रजनन प्रयोगशाला और पशु पिंजरों को देखा। नायडू ने कहा कि एक सहायक संयोजक के रूप में अनुक्रमणनए वायरल म्यूटेशनों के उद्भव की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस प्रकार कोविड-19 के प्रसार का मुकाबला करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि इससे समय पर हस्तक्षेप करने में भी मदद मिलेगी। देश के कुछ चिड़ियाघरों में बिलाव के कोविड-19 की चपेट में आने की रिपोर्ट के आलोक में नए वैरिएंट के जीनोम अनुक्रमण की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताते हुए नायडू ने कहा कि एक वायरस की प्रजातियों में उछाल यानी मनुष्यों से जानवरों या जानवरों से मनुष्यों में उछाल से नए वैरिएंट पैदा हो सकते हैं और महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में नई चुनौतियों खड़ी हो सकती हैं। उपराष्ट्रपति ने एक सार्वभौमिक टीका विकसित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए अनुसंधान संस्थानों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया जो विभिन्न सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट को प्रभावहीन कर सकता है। नायडू ने दोहराया कि भारत में बने टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं और सभी को टीका लगवाना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने सांस्कृतिक और खेल क्षेत्र के प्रसिद्ध लोगों से टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदार बनने और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान राष्ट्रीय आंदोलन बनना चाहिए।