मुंबई। देश भर में कोरोना के ‘डेल्टा प्लस’ वैरियंट से संभावित तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञ ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक मानते हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है। एक अध्ययन के मुताबिक इस वायरस से ५० वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को ज्यादा खतरा है। इसके साथ ही कोरोना की वैक्सीन नहीं लेने वाले भी इसके दायरे में आ सकते हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचने के लिए कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने पर विशेषज्ञों ने जोर दिया है। इसके लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं। बेवजह घर से बाहर न निकलें, बाहर जाते समय मास्क पहनें और सैनिटाइजर अपने साथ रखें। संक्रमित लोगों और अन्य लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। छींकते या खांसते समय मुंह को रूमाल या टिश्यू पेपर से ढक लें। बीमार होने पर घर से बाहर न निकलें। धूम्रपान से बचें। फेफड़ों को प्रभावित करने वाली वस्तुओं से दूर रहें। दरअसल हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि ५० वर्ष से अधिक आयु वाले और जिन लोगों ने टीके नहीं लगवाए थे, उनके संक्रमित होने की संख्या अधिक पाई गई है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का दावा है कि जिन युवाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है और जिन्हें आंशिक रूप से टीका नहीं लगाया गया, उनके संक्रमित होने का खतरा अधिक है।
– ये हैं लक्षण
डेल्टा प्लस के लक्षणों में खांसी, दस्त, बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, उंगलियों और पैर की उंगलियों का रंग बदलना, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार डेल्टा प्लस के अन्य लक्षणों में पेट दर्द, जी मिचलाना और भूख न लगना भी शामिल है।
– टीकाकरण रोक सकता है तीसरी लहर
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की मानें तो डेल्टा प्लस से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। यदि टीकाकरण हो जाए तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है। राज्य में अब तक मिले मरीजों में से एक बुजुर्ग महिला को छोड़ दें तो सभी मरीज ठीक हुए हैं।

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