नई दिल्ली। जर्मनी कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत, ब्रिटेन, पुर्तगाल और कुछ अन्य देशों से यात्रा पर लगाई गई सख्त पाबंदी में ढील दे रहा है। जर्मनी के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने कहा कि ब्रिटेन, पुर्तगाल, रूस, भारत और नेपाल को वायरस के स्वरूप वाले क्षेत्रों की सर्वाधिक जोखिम वाले देशों की श्रेणी से हटा दिया जाएगा जो बुधवार से प्रभावी हो जाएगा। इन देशों को अब उच्च जोखिम क्षेत्रों की दूसरे स्तर की श्रेणी में डाला जाएगा।
ब्रिटेन 23 मई से ही कोरोना वायरस जोखिम श्रेणी में शीर्ष पर था और पिछले मंगलवार को इस श्रेणी में रूस और पुर्तगाल को भी डाला गया। पुर्तगाल, यूरोपीय संघ में जर्मनी का सहयोगी देश है। इसके कारण जर्मनी के लोगों और वायरस स्वरूप वाले क्षेत्रों के लोगों पर विमान एवं अन्य माध्यमों से आवाजाही पर पाबंदी थी। साथ ही ऐसे देशों से जर्मनी आने वालो लोगों के लिए 14 दिन के होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य था। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से आए लोग अगर यह साबित कर सकें कि उन्होंने टीके की पूरी खुराक ले ली है या वे कोरोना से उबर चुके हैं तो उन्हें आइसोलेट में नहीं रहना होता है जबकि अन्य को जांच के पांच दिन बाद संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर 10 दिन के अनिवार्य आइसोलेट में रहना होता है।
अधिकारियों ने बताया कि सूची की समीक्षा की जा रही है क्योंकि जर्मनी में डेल्टा वायरस स्वरूप से संक्रमण के मामलों का अनुपात बढ़ रहा है। कुल मामलों की संख्या बेहद कम है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आधे से ज्यादा नये मामले डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के हैं। चांसलर एंजेला मर्केल ने शुक्रवार को ब्रिटेन की यात्रा के दौरान संकेत दिया था कि ब्रिटेन पर यात्रा प्रतिबंध में जल्द ढील दी जाएगी। जर्मनी के वायरस स्वरूप क्षेत्र की सूची में अब भी 11 देश बोत्सवाना, ब्राजील, इस्वातिनी, लेसोथो, मलावी, मोजाम्बिक, नामीबिया, जाम्बिया, जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका और उरुग्वे शामिल रहेंगे।