नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन तैयार करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड का उत्पादन बढ़ाकर दोगुना कर सकती है। कंपनी अगले वर्ष इस टीके का उत्पादन प्रति माह 10 करोड़ खुराक से बढ़ाकर 20 करोड़ खुराक करने की योजना पर काम कर रही है। पुणे की यह कंपनी प्रति वर्ष तीन अरब खुराक (कोविड और अन्य टीके) टीके बनाने की क्षमता हासिल कर चुकी है। वर्ष 2022 के अंत तक कंपनी यह क्षमता बढ़ाकर सालाना चार अरब खुराक से अधिक कर लेगी। फिलहाल सीरम कंपनी हर महीने कोविशील्ड की लगभग 9 करोड़ खुराक बना रही है और अगस्त तक यह 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करने लगेगी। कंपनी में अभी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके का उत्पादन बढ़ाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। हालांकि तत्काल ऐसा नहीं हो पाएगा। वर्ष 2022 के की शुरुआत से ही यह संभव होगा। वहीं काफी कुछ उत्पादन टीके की मांग पर भी निर्भर होगा।
– अमेरिका से मंजूरी के बाद उत्पादन बढ़ेगा
एसआईआई अन्य टीकों के उत्पादन के लिए भी पुणे में संयंत्र तैयार कर रही है। इनमें कुछ वैक्सीन कुछ वर्षों बाद बाजार में उतरने के लिए तैयार होंगी, तब तक जरूरत पड़ने पर इन संयंत्रों में कोविड-19 टीके का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। कोविशील्ड के अलावा कंपनी ने पुणे में नोवावैक्स के टीके कोवोवैक्स का भी उत्पादन करना शुरू कर दिया है। कंपनी सितंबर तक इसका उत्पादन बढ़ाकर प्रति महीने 4 से 5 करोड़ खुराक कर देगी। तब तक नोवावैक्स को अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) से अपने टीके के इस्तेमाल की अनुमति भी मिल जाने की उम्मीद है। कोविशील्ड और नोवावैक्स का उत्पादन हरेक महीने 10 करोड़ और पांच करोड़ खुराक तक पहुंचने के बाद सालाना उत्पादन क्षमता में 1.8 अरब खुराक का इजाफा कर देगी। इतना ही नहीं, कंपनी कोडाजेनिक्स कोविड-19 टीके का उत्पादन करने की तैयारी में भी जुटी है। 2022 में अकेले कोविड-19 टीके का उत्पादन दो अरब खुराक से अधिक हो जाएगा।