अहमदाबाद| कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने खासकर अप्रैल महीने में गुजरात समेत देशभर में कहर बरपाया था| देश में कोरोना के केसों की संख्या लगातार घट रही है| कोरोना संक्रमण घटने से पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर समेत कोविड से संबंधित चीजवस्तुओं के धंधे में मंदी आ गई है| हांलाकि कोरोना फिलहाल नियंत्रण में जरूर है, पूरी तरह गया नहीं है और तीसरी लहर की आशंका बरकरार है| इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं और मास्क इत्यादि के उपयोग से परहेज करने लगे हैं| जिसकी वजह से पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में करीब 90 प्रतिशत की कमी आई है| पूर्वी अहमदाबाद के एक गारमेंट व्यवसायी ने कोरोना आने के बाद पीपीए किट का उत्पादन शुरू किया था| शुरुआती दिनों में पीपीई किट का धंधा जोरों पर रहा| लेकिन बाद में कोरोना से लोगों का डर धीरे धीरे कम होने लगा| यहां तक कि दूसरी लहर के दौरान कई डॉक्टर भी वार्ड में बगैर पीपीई किट के घूमते थे| हेयर सलून संचालकों ने पीपीई किट का उपयोग करना बंद कर दिया| जिसकी वजह से पीपीई किट की बिक्री में 90 फीसदी की गिरावट आने से 3-4 लाख के माल का ढेर लग गया है| ऐसा ही हाल सैनिटाइजर के व्यवसाय का है| पूर्वी अहमदाबाद के एक और व्यवसायी के यहां पीपीई किट, मास्क, हेन्ड ग्लोव्स और ऑक्सीमीटर समेत करीब रु. 15 लाख का माल जमा हो गया है| जानकारी है कि रु. 300 का सैनिटाइजर व्यवसायी रु. 100 में बेचने को तैयार हैं, लेकिन कोई खरीदने वाला नहीं मिल रहा| कोरोना महामारी ने कई व्यवसायों पर ब्रेक लग गई है, लेकिन कोरोना की रोकथाम से संबंधित वस्तुओं की बिक्री भी इस तरह बंद हो जाएगी, यह व्यापारियों ने सोचा भी नहीं होगा|

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