पूर्णिया। शहरी क्षेत्र में साफ सफाई की समुचित व्यवस्था को ले एकबार फिर वार्ड पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। वार्ड 22 की पार्षद सरिता राय ने डीएम राहुल कुमार को पत्र प्रेषित कर नगर निगम द्वारा विगत 4 वर्षों से शहरी क्षेत्र के लिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण एवं निष्पादन के लिए निविदा को बार बार निरस्त करने व इससे होने वाली परेशानी को लेकर सूचित किया है। पार्षद सरिता राय ने कहा कि पिछले चार वर्षों से कचरा संग्रहण के लिए सिर्फ निविदा की प्रक्रिया तो की जाती है लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहचाना जाता है। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ता है। साथ ही नगर निगम को राजस्व की क्षति भी होती है। बता दें कि वर्तमान में भी नगर निगम के द्वारा साफ सफाई को ले 36 वार्डों के लिए निविदा आमंत्रित किया गया है। लेकिन जैसा कि सरिता राय ने कहा कि अर्द्धनिष्पादित कार्रवाई की वजह से लंबित निविदा को 17 जून 2021 को वित्तीय एवं तकनीकी बिड खोला गया लेकिन बिना ठोस आधार के इसे दोबारा लंबित कर दिया गया। दरअसल, पूर्व में शहर की साफ सफाई को ले पंच फाउंडेशन व शिवम जनस्वास्थ्य एनजीओ को जिम्मा दिया गया था। पंच फाउंडेशन के चार वर्ष पूर्व ही समयावधि पूरी हो जाने के बाद दोबारा टेंडर की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। जबकि वर्तमान में शिवम जन स्वास्थ्य कार्यरत है।

दो साल पूर्व ही टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी होने की बात कही गई थी:
बता दें कि पूर्व में शहर में कार्यरत एकमात्र एनजीओ शिवम जनस्वास्थ्य ने भी गत वर्ष ही अपने हाथ खड़े कर लिए थे। जिसके बाद शहर की सफाई व्यवस्था पर ब्रेक लग गई थी। हालांकि शिवम जनस्वास्थ्य एनजीओ को पूर्व नगर आयुक्त विजय सिंह ने कुछ दिनों की मोहलत देकर कार्य जारी रखने का आदेश दिया था। साथ ही इसी दरम्यान पेंडिंग पड़ी टेंडरिंग प्रक्रिया को पूरी कर लेने की बात कही थी। लेकिन दो वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी आजतक निविदा की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। यह प्रक्रिया पिछले दो साल से पेंडिंग है और दो बार सिंगल टेंडर रद्द होने के बाद 16 जून 2020 को तीसरी बार निविदा निकाले जाने की घोषणा की गई थी लेकिन तकनीकी कारणों से इसे रोक दिया गया था। जिस कारण शहरी क्षेत्र में सफाई कार्य के लिए तीन एनजीओ की बहाली अब तक मुमकिन नहीं हो पाई। बता दें कि 19 अप्रैल 2019 को ही नगर आयुक्त ने तीन एनजीओ बहाली की घोषणा की थी। लेकिन दो साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी स्थिति पूर्ववत ही है। शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तीन एजेंसियों को कार्यभार सौंपा जाना है। जिसके तहत कुल 46 वार्डों में सफाई कार्य के लिए 12-12-12 वार्डों को तीन हिस्सों में बांटे जाने की योजना है। इन हिस्सों में सफाई का जिम्मा अधिकृत एजेंसी को दिया जाएगा। जबकि शेष 10 वार्डों में नगर निगम द्वारा स्वयं सफाई का कार्य कराया जाएगा।

एक एनजीओ के भरोसे सफाई व्यवस्था:
कोरोना वायरस के संक्रमण व बारिश में नालों के उफन जाने के डर से निगम पदाधिकारी द्वारा मुख्य नाले की उड़ाही तो कराई गई लेकिन अब ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस कार्य के लिए शिवम जन स्वास्थ्य के कर्मियों को ही तैनात किया गया था। बता दें कि इस एनजीओ के जिम्मे शहर के 03, 05, 06, 11, 12, 13, 15, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 36, 37, 38, 39, 40, 41 व 42 वार्ड में सफाई कार्य का भी जिम्मा है। इस संबंध में एनजीओ के प्रबंधक डीएन ठाकुर ने बताया कि कुल 26 वार्डों में सफाई के लिए हमें नगर निगम से 94 हजार 575 रूपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। जबकि बाकी 20 वार्डों में निगम कर्मी ही सफाई करते हैं और इस एवज में 1.50 लाख रूपए खर्च किए जाते हैं।

अतिक्रमण ने बढ़ाई परेशानी:
लालगंज नाले का अधिकांश हिस्सा अतिक्रमित कर लिया गया है। विभागीय दस्तावेज में इस नाले की चौड़ाई 32 फीट और कहीं कहीं 18 फीट है लेकिन अतिक्रमण के कारण यह नाला सिकुड़कर 5.7 फीट और राजेंद्र बाल उद्यान समेत कुछेक जगहों पर तो महज 4.5 फीट चौड़ा रह गया है। जिस कारण बरसाती दिनों पानी का फ्लो बाधित हो जाता है।

केस स्टडी 01: जलजमाव ने बढ़ाई वार्ड 16 के लोगों की मुसीबतें:
भले ही नगर निगम विकास के लाख दावे पेश करे लेकिन अभी भी कई ऐेसे मोहल्ले हैं जहां बारिश के बाद घुटना भर पानी जमा हो जाता है। लोगों का आवागमन बाधित हो जाता है। इसी क्रम में वार्ड 16 के लोगों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि बारिश के बाद वार्ड के अमूमन सभी गली माेहल्ले में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वार्ड के मो रहमतुल्ला, लड्डन, दिवाकांत झा, सीमा कुमारी, कविंदर सिन्हा, दशरथ प्रसाद सिंह, रिपुसूदन प्रसाद सिंह, अभय सिंह, हीरा सिंह, अरुण सिंह, प्रमोद राय, अनिल दास, शेर सिंह, विमल दास समेत अन्य का कहना है कि नगर निगम द्वारा सड़क तो बनाई जाती है लेकिन नाले का निर्माण नहीं होने से स्थिति नारकीय हो जाती है। घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो जाता है। जलनिकासी नहीं होने के कारण बरसात का पानी सड़क पर ही जमा रहता है। लोगों ने कहा कि जब हमलोग नियमित रूप से नगर निगम को टैक्स देते हैं तो हमें घुटने भर पानी से होकर आवागमन क्यों करना पड़ता है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है। आखिर टैक्स देने के बाद सुविधाएं तो मिलनी चाहिए।

केस स्टडी 02: घर से बाहर निकलना हुआ मुश्किल:
वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 42 अंतर्गत माधोपाड़ा स्टार कॉलोनी में बारिश के बाद दो से तीन फीट तक पानी जमा है। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल है। लेकिन अब तक जलनिकासी की कोई सुविधा अमल में नहीं लाई गई है। वार्ड के मो फारूक, मो अली रेजा, मो कैसर, मो शाहिद, मो आशिफ, मो मुख्तार, कलीम जफर, फरीदा रवातुज, मुफ्ती हवीब ने बताया कि जलजमाव की समस्या से उन्हें हरेक साल जूझना पड़ता है।

मामला संज्ञान में है जल्द होगी कार्रवाई:
सफाई कार्य की निविदा प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। बिड व इससे जुड़ी प्रक्रिया को लेकर विभाग के आलाधिकारी को सूचना दी गई है। वहां से दिशा निर्देश प्राप्त होते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
जिउत सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया।

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