पूर्णिया। रुपौली प्रखंड क्षेत्र के किसान अपनी दशा और दिशा बदलने में लगे हुए हैं। प्रखंड क्षेत्र में लगभग 3 से 4 एकड़ में विभिन्न जगहों पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। यह फल काफी प्रोटीन युक्त है। रुपौली बस्ती श्रीमत्ता पंचायत के हरनहा गांव, आझो कोपा गांव, विरौली, सिंहपुर दियारा पंचायत के झलारी, मेनी आदि गांव के कुछ किसानों ने ट्रायल के रूप में केला की खेती छोड़कर इस फसल की कीमत को ध्यान में रखते हुए पौधे तैयार करने में लगे हैं। जानकारों की मानें तो ड्रैगन फ्रूट प्रोटीन युक्त फल है। जिसे काफी महंगी खेती मानी जाती है। केले की खेती में हर साल किसानों को लाखों की क्षति होती थी। जिससे किसान की स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है।

दशा और दिशा बदल सकते हैं किसान :
ड्रैगन फ्रूट प्रोटीन युक्त फल की खेती से किसान अपने जीवन की दिशा एवं दशा भी बदल सकते हैं। केले की खेती छोड़ किसान अपनी मेहनत से नई किस्म की खेती में लगे हुए हैं। ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल के रूप में भी जाना जाता है। प्रखंड के आझोकोपा के किसान पिंटू यादव, विमल कुमार, दिलीप यादव, सोनू कुमार ने बताया कि इस खेती में काफी रुपए लगते हैं। इसकी देखरेख भी समय समय पर करनी पड़ती है। यह ट्रायल के रूप में लगाई जा रही है। केला से ज्यादा बेनिफिट अगर होगा तो इस खेती का दायरा बढ़ाया भी जा सकता है।

एक पौधे की कीमत ₹120 से लेकर ₹180 तक :

बता दें कि एक पौधे की कीमत ₹120 से लेकर ₹180 तक होती है। 1 एकड़ में लगभग 3000-4000 के बीच पौधे लगते हैं। सबकी दूरी 10 फीट के अंतराल में होती है। पौधे लगने की तिथि से पूरे 1 साल के बाद इसमें फूल के साथ फल आने लगते हैं। 1 एकड़ में लगभग 3 से 5 लाख की लागत आती है। एक पौधे में खर्च लगभग 1100 से 1500 रूपए के बीच के आता है। किसानों ने कहा कि पिलर लगाना, टायर लगाना, उसकी देखरेख करना, मिट्टी चढ़ाना आदि फल तैयार होने के बाद इसे बड़े शहरों में बेचा जाता है। सिलीगुड़ी, दिल्ली, बंगलुरु, मुंबई, पंजाब, कोलकाता में ड्रैगन फूट को बेचा जाता है। यह अधिकतर बड़े शहरों में मॉल में ज्यादा कीमत पर बेचा जाता है। पूर्णिया के नजदीक बेचने का बड़ा मार्केट सिलीगुड़ी ही है।

जानकार की देखरेख में होती है खेती :
जिस जगह से ड्रैगन फ्रूट के पौधे लाकर लगाया जाता है उसी जगह से जानकार आकर देखरेख करते हैं। फल तैयार होने के बाद वह खुद खरीद कर लेकर चले जाते हैं। इसकी महानगरों में कीमत ₹200 से लेकर ₹500 किलो तक होती है। बड़े बड़े मॉल में इसकी कीमत 400 से लेकर ₹800 तक होती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में 1 एकड़ में लगभग 3 से 5 लाख की लागत लगती है। पहले वर्ष में पौधे तैयार होने के बाद किसानों की लागत निकल जाती है। दूसरे वर्ष से फायदे ही फायदे होते हैं। प्रत्येक वर्ष 1 एकड़ में अनुमानित 5 से 7 लाख के बीच बेनिफिट होता है। हरेक 15 दिन पर फूल आने के बाद फल आ जाते हैं। अब प्रखंड क्षेत्र में धीरे धीरे केले की खेती छोड़ किसान ड्रैगन फ्रूट की रुख कर रहे हैं।

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