रांची। जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभागों के सभी 9 भाषाओं के लिए अलग-अलग स्वतंत्र विभाग की अधिसूचना जारी करने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। राम लखन सिंह यादव कॉलेज में स्नातक स्तर पर खोरठा में घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। सिमडेगा कॉलेज में स्नातकोत्तर स्तर पर हिंदी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, मानव विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल, खड़िया, नागपुरी, मुंडारी विषयों की पढ़ाई शुरू करने के प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। जेएन कॉलेज धुर्वा में स्नातक प्रतिष्ठा स्तर पर कुड़ुख विषय की पढ़ाई शुरू करने को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। डोरंडा कॉलेज में स्नातकोत्तर स्तर पर पंचपरगानिया विषय की पढ़ाई शुरू करने को घटनोत्तर स्वीकृति दी।जेएन कॉलेज धुर्वा में स्नातकोत्तर स्तर पर नागपुरी विषय की पढ़ाई शुरू करने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। पीपीके कॉलेज बुंडू में स्नातकोत्तर स्तर पर सभी विषयों की पढ़ाई शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया।
इसमें निर्णय लिया गया कि जिन विषयों में दो स्थायी शिक्षक उपलब्ध हैं, स्नातकोत्तर शुरू करने की स्वीकृति दी गई।साथ ही, मारवाड़ी कॉलेज के एकेडमी काउंसिल में लिये गए निर्णय को स्वीकृति प्रदान की गई। पीजी टीआरएल के सात भाषाओं में संथाली, हो, मुंडारी, खड़िया, कुरमाली, खोरठा व पंचपरगनिया शामिल हैं। इन भाषाओं के शिक्षकों के रिटायर हो जाने के बाद उनकी जगह पर नई नियुक्ति नहीं की गई। करीब दो घंटे चली बैठक में कुल 18 एजेंडों पर विचार विमर्श कर स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ प्रीतम कुमार ने बताया कि कुलपति डॉ कामिनी कुमार के पहल पर पहली बार पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एकेडमिक काउंसिल की बैठक संचालित की गई।

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