नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा, कोरोना महामारी के चलते लगाई गई पाबंदियों में ढील देने के बाद लोगों की लापरवाही भारी पड़ सकती है। लोग नहीं सुधरे तो तीसरी लहर में हर दिन चार लाख से भी ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर आ चुकी है और वहां दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। भारत में भी संक्रमण के मामले फिलहाल कम नहीं है। महाराष्ट्र और केरल में लगातार इनमें बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। ऐसे में अगर लोगों ने भीड़ से दूरी नहीं बनाई और मास्क नहीं पहना तो आगामी दिनों में कोरोना वायरस को रोक पाना आसान नहीं होगा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि भारत में जब संक्रमण दर तीन फीसदी से भी कम है तो भी रोजाना 40 हजार से अधिक मामले मिल रहे हैं। दूसरी लहर में 1 दिन में 4 लाख तक पीक गया था। तीसरी लहर किस हद तक फैल सकती है? लोगों को सचेत रहना बहुत जरूरी है। लव अग्रवाल ने कहा, ब्रिटेन में यूरो कप 2020 का आयोजन होने के बाद तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं। वहां तीसरी लहर में रोजाना 27 हजार से ज्यादा मामले मिल रहे हैं। इसी तरह रूस में भी यूरो कप 2020 के बाद से तीसरी लहर आ चुकी है, जहां एक दिन में 23 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। तीसरी लहर के चलते ही पड़ोसी देश बांग्लादेश में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की तैयारी की जा रही है। वहां दूसरी लहर में हर रोज सात हजार संक्रमित मिल रहे थे, लेकिन अब हर दिन नौ हजार से ज्यादा मामले मिल रहे हैं। इंडोनेशिया, अमेरिका सहित और भी कई देशों में ऐसे हालात अब दिखने लगे हैं।
– मसूरी का वीडियो दुर्भाग्यपूर्ण
सोशल मीडिया पर वायरल उत्तराखंड के मसूरी में लोग खुलेआम नियमों की परवाह किए बगैर भीड़ में घूम रहे हैं। इस वीडियो पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह स्थिति काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन और व्यापारी वर्ग को इसकी चिंता करनी चाहिए। सबकुछ बंद करने से अच्छा है कि कोविड नियमों के साथ जिंदगी आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि देश के बाकी जिलों खासतौर पर पर्यटन स्थलों को भी सख्ती से काम लेना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दूसरी लहर से काफी जिले बाहर आ चुके हैं लेकिन कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। 17 राज्यों के 66 जिलों में कोरोना फैल रहा है। इन जिलों में संक्त्रस्मण दर 10 फीसदी से अधिक है और पूरे देश तक महामारी को ले जाने के लिए इतने जिले काफी हैं। इसलिए न सिर्फ इन प्रभावित जिलों में सख्ती की आवश्यकता है बल्कि दूसरे राज्य और जिला प्रशासन को भी सतर्क होना पड़ेगा। लव अग्रवाल ने कहा कि 14 जून को डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा पहचाना गया लैम्ब्डा वेरिएंट, कोरोना वायरस का सातवां वेरिएंट था और 25 देशों में इसका पता चला है। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है और आईएनएसएसीओजी इस पर नजर रख रहा है। पेरू में, 80 फीसदी मामले इसी स्वरूप के थे। यह दक्षिण अमेरिकी देशों और ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में भी मिला है। सार्वजनिक स्वास्थ्य पर हर प्रभाव की निगरानी की जाएगी।














