लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का दो साल का कार्यकाल राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच आज पूरा हो गया है। तत्कालीन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (परिवहन मंत्री) स्वतंत्र देव सिंह को 16 जुलाई 2019 को पार्टी का यूपी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई थी। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने अपना 2 साल का कार्यकाल पूरी दमदारी से पूरा कर लिया है। हालांकि उनके सामने असली और सबसे बड़ी चुनौती अगले साले होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव हैं। सिंह के 19 जुलाई 2019 को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार लेते ही अक्टूबर 2019 में विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 9 सीटें जीती थीं। वहीं, नवंबर 2020 में हुए 7 सीटों पर उपचुनाव में भाजपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं, यूपी विधान परिषद की शिक्षक स्नातक क्षेत्र की 12 सीटों के चुनाव में भी भाजपा ने 9 सीटें जीती थीं।
इतना ही नहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने संगठन के तौर पर अपने सबसे बड़े टेस्ट यानी पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की। सरकार और संगठन के समन्वय से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी की झोली में 75 में से 67 सीटें आयीं, तो वहीं ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भाजपा ने 648 सीटों पर अपना कब्जा जमाकर दम दिखाया है। यूपी की सियासत में पहली बार भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। हालांकि इस बीच पंचायत चुनाव के बाद यूपी से लेकर दिल्ली तक संगठन और सरकार में बदलाव की खबरों ने खूब चर्चा बटोरीं, लेकिन स्वतंत्र देव सिंह की कुर्सी पर कोई आंच नहीं आयी। उनके सामने अब चुनौती के तौर पर विधान परिषद में स्थानीय निकाय के 35 सीटों पर होने वाले चुनाव हैं। जबकि यूपी भाजपा अध्यक्ष की सबसे बड़ी अग्नि परिक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव होंगे।