पूर्णिया, कुमार गौरव
- कटिहार में एमएससी, बीएनजी, सी-डॉट मैक्स एनजीएन, ओसीबी एक्सजीई है। इसके साथ 4500 लैंडलाइन व ब्राॅडबैंड कनेक्शन के अलावा 1400 किमी का अोएफसी नेटवर्क है और 400 बीटीएस टॉवर है
पूर्णिया : एक वक्त था जब बीएसएनएल के कटिहार एसएसए को बिजनेस एरिया (बीए) कहा जाता था और कोसी और सीमांचल के सातों जिलों के लोगों काे दूरसंचार की सारी सुविधा यहीं से मयस्सर होती थी। लेकिन वर्तमान हालात के मद्देनजर इस कार्यालय को बीएसएनएल काॅर्पोरेट कार्यालय नई दिल्ली के दिशा निर्देश पर अब भागलपुर शिफ्ट किया गया है। जिसके बाद से कटिहार एसएसए अंतर्गत पूर्णिया, कटिहार, अररिया व फारबिसगंज में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। एसएसए कार्यालय के अलावा ब्रांच ऑफिस में भी कर्मियों ने अब कॉर्पोरेट ऑफिस के दिशा निर्देश का विरोध किया है। यह पहला मौका है जब बीएसएनएल के सारे यूनियन एक मंच पर हैं और प्रबंधन का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। एनएफटीई, बीएसएनएल (ईयू), एफएनटीओ, एआईजीईटीओए, एआईबीएसएनएल (ईए), एसएनईए, एसएनएटीटीए व एसईडब्ल्यूए संगठन के सदस्यों ने बीएसएनएल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और लगातार कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे हैं।
20 करोड़ राजस्व देने वाला कटिहार एसएसए हुआ भागलपुर में शिफ्ट :
पूर्व में कटिहार एसएसए (बिजनेस एरिया) के अंतर्गत कोसी और सीमांचल के सातों जिले समाहित थे और उस वक्त सरकारी इकाई होने व प्रतिस्पर्द्धा नहीं होने के बावजूद राजस्व 10 करोड़ के आसपास था। जो कि वर्तमान में बढ़कर 20 करोड़ के पार है। जबकि अब कटिहार एसएसए के तहत सिर्फ कटिहार, पूर्णिया, अररिया व फारबिसगंज ही है। यही नहीं कटिहार में एमएससी, बीएनजी, सी-डॉट मैक्स एनजीएन, ओसीबी एक्सजीई है। इसके साथ 4500 लैंडलाइन व ब्राॅडबैंड कनेक्शन के अलावा 1400 किमी का अोएफसी नेटवर्क है और 400 बीटीएस टॉवर है। इस संबंध में एनएफटीई यूनियन के जिला सचिव रामनाथ सिंह कहते हैं कि उन्होंने अपने संगठन के अध्यक्ष, महामंत्री व विभाग के उच्च पदस्थों को भी पत्र लिखा है। ताकि इस विलय को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व महाप्रबंधक आरएस वर्मा के स्थानांतरण के बाद से ही ऊहापोह की स्थिति बनी है। अब तक यहां किसी महाप्रबंधक ने नियमित रूप से योगदान नहीं दिया है। जिस कारण काफी नुकसान भी हुआ है और बेशक चिंता का विषय है।
बेहद महत्वपूर्ण है कटिहार एसएसए :
श्री सिंह ने कहा कि कटिहार दूरसंचार जिला का एरिया बहुत बड़ा है। यहां रेलवे डीआरएम ऑफिस, डिफेंस के महत्वपूर्ण कार्यालय भी हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी कटिहार एसएसए में महाप्रबंधक का पद अनिवार्य है। यही नहीं कटिहार एसएसए एकमात्र एसएसए है जो 2 राज्यों झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के साथ साथ विदेश यानी नेपाल व बांग्लादेश के बॉर्डर से जुड़ा हुआ है। जिस वजह से यह अच्छे राजस्व का केंद्र रह चुका है। कटिहार एसएसए में जल्द से जल्द नियमित रूप से महाप्रबंधक की पदस्थापना हो इसके लिए सभी कर्मी व संगठन के लोग प्रयासरत हैं। ताकि कटिहार एसएसए को विलय से बचाया जा सके।