लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर एक ट्वीट के द्वारा कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि योगी आदित्यनाथ मुझसे यूं ही नाराज नहीं है। 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय में एसपी महाराजगंज था। जब मैंने शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया हत्या केस में जांच शुरू की थी, जिसमें उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे। मेरा तबादला हुआ उसके साथ ही जांच को बंद कर दिया गया।
अमिताभ ठाकुर के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। एक टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि, ‘ऐसे तो आपने सिस्टम के दबाव के कितने मजबूरों को न्याय नहीं दिलवाया होगा। धिक्कार है आप पर।’ आप उस वक़्त न्याय नहीं कर पाए और आज यहां अपना और योगी का 36 का आंकड़ा बता कर राजनीति में घुसने का प्रयास कर रहे है। आज आपसे उम्मीद टूट गई कि आप राजनीति में आकर कुछ कर पाएंगे।
मनीश ने ट्विटर से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि कोशिश में लगे रहो शायद सपा से टिकट मिल ही जाए। एक ट्विटर यूजर उनके ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखते हैं कि, ‘तब सत्ता में नही थे तो ट्रांसफर, अब तो सत्ता में है तो सारे प्रमाण धराशाही हो गए?’ एख टि्वटर हैंडल से योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए लिखा गया कि ओहो, महराज ही सबसे बड़े माफिया हैं।
एक ट्विटर अकाउंट से कमेंट आया कि मतलब 2007 में सरकार किसकी थी तुम्हारे गुरु मुलायम और तुम्हारा प्रिय भाई अखिलेश 2012-17 तक रहा तब जांच करा लेते या ये ज्ञान अभी बताओगे, ज्यादा लोकप्रिय हो चुनाव लड़ लो योगी जी के सामने बात खत्म, फ़्रस्ट्रेशन भी खत्म। एक टि्वटर यूजर लिखते हैं कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो पत्थर नहीं उछाला करते ठाकुर साहब। वहीं एक यूजर लिखते हैं कि पूरा सच काहे नहीं बताते पहले सपा सरकार में तुम्हें मलाई खाने को मिलती थी और अब मिल नहीं रही है तो तुम क्रांतिकारी अफसर बन रहे हो।
जानकारी के लिए बता दें कि अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश मुताबिक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 17 मार्च के आदेश के द्वारा उनको लोक हित में सेवा में बनाए रखने के उपयुक्त न पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने के पहले सेवानिवृत्त कर दिया गया था। वहीं हाल में ही अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने एसपी बाराबंकी कार्यालय के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया कि एसपी कार्यालय में तैनात दरोगा व सिपाही थाने पर कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर खुलेआम रिश्वत ले रहे हैं।

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