नई दिल्ली। मानसूनी बारिश आफत बन गई है। देश के कई राज्यों में बारिश-बाढ़ तबाही का सबब बनकर कहर ढा रही है। पहाड़ों पर चट्टानें दरक रही हैं तो वहीं, मैदानी इलाकों में बेहिसाब बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन की चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो गई है। जबकि महाराष्ट्र में बारिश-बाढ़ की वजह से हुई घटनाओं में मरने वालों की संख्या 130 के पार पहुंच चुकी है। इस बीच मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के कई राज्यों में बारिश का चोतावनी जारी किया है।
पहाड़ों पर कुदरत का कहर बरपा है, तो मैदानी इलाकों में कई जिलों में पानी ही पानी है। देश का महाराष्ट्र राज्य पिछले 40 वर्षों की सबसे भीषण बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है। महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों में 130 से ज्यादा लोग अलग-अलग हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा मौतें लैंडस्लाइड की घटनाओं में हुई हैं। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात में बारिश की संभावना जताई है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बादलों की आवाजाही के बीच हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, पूर्व, उत्तर, पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, गाजियाबाद, वायुसेना हिंडन, शामली, देवबंद, मोदीनगर, हापुड़, बरूत, छपरौला, नोएडा, बागपत, गन्नौर, मेरठ (यूपी) के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होगी। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के कई इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। आईएमडी के अनुसार मेरठ, खतौली, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और आस-पास के इलाकों में अगले कुछ घंटों में बारिश होगी। पहाड़ों पर पहाड़ रेत के टीले की तरह ढह रहे हैं तो वहीं, मैदानों में गांव के गांव पानी में तैर रहे हैं। मॉनसून में हर साल बरसात के साथ पहाड़ों का हिस्सा भरभराने लगता है। कई बार पहाड़ों का मलबा हाइवे पर आ जाता है। इस मौसम में हमेशा डर बना रहता है कि हाइवे पर चलते वक्त कहीं पहाड़ से चट्टानें ना गिरने लगें। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में पहाड़ दरका और मलबे की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों के प्रति पीएम मोदी ने संवेदना जताई और मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है, साथ ही घायलों के लिए भी 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

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