नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत अर्जी को पुलिस ने आधारहीन बताया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि अभियोजन के पास उमर खालिद के खिलाफ प्रथम दृष्टया जो मामला बनता है वो पेश करेंगे। अब कड़कड़डूमा कोर्ट उमर खालिद की जमानत अर्जी पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा कि दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। दिल्ली पुलिस ने आरोपी खालिद की याचिका को आधारहीन बाताते हुए कोर्ट से खारिज करने की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जैसी संस्था को ईसाई धर्म के प्रचार के प्लेटफॉर्म के तौर पर किये जाने को लेकर दिल्ली द्वारका कोर्ट द्वारा टिप्पणी मामले में भी आज एक बड़ी घटना हुई। निचली अदालत के आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने के लिए दायर आईएमए के अध्यक्ष जयालाल की अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। दरअसल आईएमए के अध्यक्ष जयालाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले में उन पर की गई टिप्पणी या नसीहत को हटाने की मांग की गई थी।
निचली अदालत में एक शिकायत आईएमए प्रेजिडेंट के खिलाफ दर्ज कराई गई थी और उनके इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा गया था कि वो हिन्दू धर्म और आयुर्वेद चिकित्सा को नीचा दिखा रहे है और ईसाई धर्म को बढ़ावा दे रहे है। हालांकि निचली अदालत ने उनके बयान पर रोक नही लगाया था, लेकिन अपने फैसले में उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी को हटवाने के लिए आईएमए प्रसिडेंट ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

Previous articleमानसिक रूप से कमजोर दुष्कर्म पीड़िता को हाईकोर्ट ने दी 15 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत
Next articleड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार और पेन कार्ड बनवाने के अब दलालों से मिलेगी मुक्ति – केंद्र की मोदी सरकार ने शुरू की पहल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here