खण्डवा। प्रशिक्षु से कुशल कारीगर एवं फिर स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के संघर्षपूर्ण जीवन के बाद अच्छे दिनों की शुरूआत तक का सफर तय करने में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजन संजीवनी साबित हुई है। यह बात श्री इमरान कुर्बान खान ने कही। श्री खान ने बताया कि प्रारंभ में उन्होंन प्रशिक्षु के रूप में पिता से टेलरिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके पिता की छोटी सी टेलरिंग दुकान थी जिसमें पर्याप्त संसाधन नहीं थे। परिवार के भरण पोषण में कठिनाईयों का दौर चलता रहा। श्री खान ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद अकुशल एवं कुशल कारीगर तक का सफर करने के बाद आय में कुछ हद तक इजाफा हुआ किन्तु संतोषजनक नहीं रहा। अर्थाभाव के कारण पिता के अथवा स्वयं के व्यवसाय में वृद्धि नहीं हो पाना एक मजबूरी थी। श्री खान ने बताया कि मन में कभी कभी यह भी विचार आया कि बाजार से ब्याज पर ऋण लिया जाए किन्तु बाजार दर पर ऋण लेने में ब्याज दर अधिक एवं आसान नहीं थी। इस उधेड़बुन में मुझे जानकारी मिली की जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र एवं बैंक के माध्यम से स्वयं के व्यवसाय के लिए आसान ब्याज दरों, आसान किश्तों एवं अनुदान के साथ ऋण लिया जा सकता है। श्री खान द्वारा इस संबंध में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, से संपर्क किया गया। जहाँ योजना की विस्तृत जानकारी लेकर ऋण की प्रक्रिया शुरू की गई। श्री खान ने टेलरिंग व्यवसाय के लिए ऑनलाईन आवेदन किया जिसे सेन्ट्रल बैंक खण्डवा अग्रेषित किया गया। बैंक द्वारा उसे अपेक्षित ऋण प्रदान किया गया। बैंक से प्राप्त इस ऋण से वह खानशाहवली अंकुर नगर खण्डवा में दुकान संचालित कर रहा है। ऋण प्राप्त होने पर अपने पिता के व्यवसाय को विस्तार दिया। श्री खान ने बताया कि वर्तमान में इस व्यवसाय से उसे अच्छी आमदनी हो रही है। परिवार का जीवन यापन अच्छी तरह से हो रहा है, बैंक की किश्तें भी आसानी से चुकाई जा रही है।

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