नई दिल्ली। दिल्ली के लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को पीडब्ल्यूडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ मानसून के दौरान राजधानी में जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर आयोजित एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में नरेला औद्योगिक एस्टेट क्षेत्र में मौजूदा नाले की क्षमता कम होने के कारण हो रहे जलभराव की समस्या पर भी चर्चा हुई। बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी लोगों की किसी भी समस्या को हल्के में नहीं लेना होता है। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार जैसी लोकोन्मुखी सरकार के लिए एक दृढ़ प्रशासन सर्वोपरि है। उन्होंने अधिकारियों को दिल्ली में मानसून के दौरान जलजमाव की किसी भी तरह की शिकायत के तत्काल समाधान के लिए हमेशा तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नालों के रख-रखाव और नालों से गाद निकालने के अलावा जरूरत पड़ने पर नए नालों का निर्माण भी किया जाए, ताकि दिल्ली के लोगों को जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े। पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “चाहे वह नालों का रखरखाव हो, उनकी सफाई करना हो, उनसे गाद निकालना हो या आवश्यक पड़ने पर नए नालों का निर्माण करना हो, न केवल नरेला में बल्कि शहर में कहीं भी हो, जल्द से जल्द किया जाना चाहिए, ताकि दिल्ली के लोगों को जलभराव के कारण किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को दिल्ली के किसी भी हिस्से से आने वाली जलजमाव की शिकायत के लिए सतर्क और सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “एक जिम्मेदार सरकार के नाते हमें लोगों की किसी सभी समस्या को हल्के में नहीं लेना है और दिल्ली सरकार जैसी लोकोन्मुखी सरकार के लिए एक दृढ़ प्रशासन सर्वोपरि है।मंत्रालय पूरे मानसून के मौसम में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठकें आयोजित करने में सक्रिय रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिल्ली में जलभराव के कारण लोगों को किसी भी तरह की समस्या न हो। पिछले महीने हुई एक बैठक में, पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जहां भी जलभराव हुआ है, वहां पंपों का उपयोग करें और जहां भी सड़कों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें जल्द से जल्द नवीनीकृत करें।