शिमला। हिमाचल सरकार ने उन बच्चों की मदद के लिए मदद का हाथ आगे बढाया है जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता पिता को खो दिया है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे को प्रतिमाह 3500 रुपये प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से दो हजार रुपये केंद्र सरकार और 1500 रुपये प्रदेष सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे इच्छुक हों तो सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को बाल देखभाल केंद्रों में दाखिल करने को प्राथमिकता देगी।
सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को केन्द्रीय, नवोदय तथा सैनिक विद्यालयों इत्यादि में दाखिला दिया जाएगा तथा सरकार द्वारा उनकी पढ़ाई का खर्च वहन करेगी। सरकार निजी विद्यालयों में पढ़ रहे ऐसे विद्यार्थियों की पढ़ाई का खर्च भी वहन करेगी। ऐसे प्रत्येक विद्यार्थी को आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत किया जाएगा तथा 18 वर्ष की आयु तक इन बच्चों की प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत अनाथ लड़कियों को 51000 रुपये प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों के लिए पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी जताया। इस बीच प्रदेश सरकार ने कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत बच्चों की सुरक्षा और बच्चों के कोविड मामलों के लिए व्यवस्था करने को प्राथमिकता दे रही है। बच्चों की चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था के लिए जिलों और मेडिकल कॉलेजों को पहले ही प्रोटोकॉल भेजा जा चुका है। इस महामारी के दौरान बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है।