नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप ने दुनिया के तौर तरीके को बदल दिया और वायरस को लेकर पूरी दुनिया का मानना है कि ये चीन की देन है। पाकिस्तान को चीन का पिछलग्गू कहा जाता है और इसके पीछे कोई एक वजह नहीं है। चीन कोई भी राग अलापे पाकिस्तान उसी रास्ते पर चल देता है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने कोरोना पर चीन का कवच बनने की कोशिश की है। कोरोना वायरस की जिम्मेदारी से हमेशा पल्ला झाड़ने वाले चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ अब पाकिस्तान फिर जुगलबंदी की कोशिशें कर रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से वुहान लैब की दोबारा जांच को नकारने वाले चीन की तरफदारी करते हुए अब पाकिस्तान ने भी इसका विरोध किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने चीन के सुर में सुर मिलाते हुए कोरोना वायरस के लिए अमेरिका पर शक जताना शुरू कर दिया है। इस्लामाबाद में पीस एंड डिप्लोमेटिक स्टडीज के डायरेक्टर आसिफ नूर ने अमेरिका की फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच की मांग उठा दी है। आसिफ नूर ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि अक्टूबर 2019 में वुहान में हुए मिलिट्री गेम्स में अमेरिका के करीब तीन सौ सैनिक शामिल हुए थे। जिसमें दो सौ से ज्यादा बीमार सैनिक थे। डायरेक्टर आसिफ नूर ने कहा कि अमेरिका को उन बीमार अमेरिकी सैनिकों की जानकारी साझा करनी चाहिए, जिन्होंने अक्टूबर 2019 में वुहान में हुए वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में हिस्सा लिया था। अमेरिका ने वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में 300 सैनिक भेजे थे। दरअसल चीन के वुहान में 18 से 27 अक्टूबर 2019 में वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स का आयोजन हुआ था। इसमें 100 देशों के 10 हजार से ज्यादा सैनिक शामिल हुए थे। इसके कुछ दिनों के बाद ही वुहान में कोरोना के मामले आने शुरू हुए और धीरे धीरे पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ गई। चीन पर आरोप लगा कि वुहान की लैब से कोरोना वायरस फैला। वुहान लैब की जांच के लिए डब्लयूएचओ की टीम पहुंची तो चीन ने अधिकारियों को पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया। अब दोबारा जांच की मांग उठी तो पहले चीन ने और फिर उसके पिछलग्गू पाकिस्तान ने भी अमेरिका के फोर्ट डेट्रिक मिलिट्री लैब की जांच का फसाना छेड़ दिया है।














