शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन के भीषण हादसे के बाद यहां के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद निगुलसेरी में पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। अब तक 14 शव निकाले जा चुके हैं। 13 लोग जिंदा भी निकाले गए हैं। जबकि परिवहन निगम की लापता बस का मलबा भी मिल गया है। लेकिन लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है। तीस लोग अब भी लापता हैं।
सीएम जयराम ठाकुर ने हवाई निरीक्षण के बाद घटनास्थल पर पहुंचे व बचाव व सर्च अभियान का जायजा लिया। उनके साथ परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि निगुलसेरी में मलबे को देखकर उन अमूल्य जिंदगियों के बारे में सोचकर मन गम से भरा पड़ा है जिनको हम हरसंभव प्रयास के बावजूद नहीं बचा सके, उनके परिवारों को संबल प्रदान करना हमारी प्रतिबद्धता है। प्रभावितों के दर्द को मैं समझ सकता हूं, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा अभी तक मलबे में दबे लोगों का सही आंकड़ा नहीं है। सेना के चौपर से घायलों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
जिला किन्नौर में पहाडी़ खिसकने से मलबे में अब भी कई लोग दबे हैं। आज दोपहर दोबारा से भूस्खलन शुरू हो गया, इस कारण राहत व बचाव कार्य में बाधा के चलते उसे रोकना पडा है। हादसे के बाद लापता एचआरटीसी की बस क्षतिग्रस्त हालत में सतलुज नदी के पास मिली है। बस चकनाचूर हो चुकी है। टायर, दरवाजे सब कुछ अलग थलग पड़ा है। बस में सवार लोगों के बचने की उम्मीद बेहद कम है। बचाव दल ने मलबे में दबी बस के पास खोज अभियान चलाया है व शुरुआत में दो शव मिले हैं वे क्षत विक्षत हालत में हैं। आइटीबीपी व एनडीआरएफ का बचाव दल ने चट्टानों को हटाकर लोगें की तलाश शुरू कर दी है।
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट धर्मेंद्र ठाकुर ने बताया सुबह से राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। किन्नौर में बुधवार को हुए हादसे में फंसे हुए लोगों को तलाशने का काम आईटीबीपी की तीन टुकड़ी कर रही हैं। टीम ने सुबह चार बजे से सर्च अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान अभी तक तीन शव निकाले गए हैं। इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। अल सुबह से ही आईटीबीपी की तीन टुकड़ियां जुट गई हैं। बचाव दल की ओर से अब तक 13 लोगों को बचाया जा चुका है। प्रशासन ने एनएच-5 को बहाल कर दिया है। लेकिन अभी यहां से यातायात सुचारू नहीं किया गया है।
बस परिचालक के मुताबिक बस में 24 लोग सवार थे, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। अभी तक 14 लोगों की मौत हादसे में हुई है यदि बस में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सका तो मरने वालों का आंकड़ा 30 को भी पार कर सकता है। किन्नौर में हुए हादसे में प्रशासन सेना की मदद ले सकता है। हालांकि एनडीआरएफ के जवानों को प्रशासन की ओर से सतलुज नदी की ओर खाई में भी भेजा गया था, जहां बस चकनाचूर हालत में मिल गई है।














