नई दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘रोजगार सृजन एवं उद्यमिता – आजीविका के लिए आगे की राह’ विषय पर आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ के वर्चुअल विशेष पूर्ण सत्र को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तीव्र गति से आगे बढ़ रही है और भारत का भविष्य बहुत ही आशाजनक दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि कौशल क्षमता निर्माण उत्पादकता बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधान ने कहा कि हमारे युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से सुसज्जित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में जैसी कल्पना की गई थी, सरकार भविष्य के लिए कार्यबल तैयार करने और शिक्षा तथा कौशल के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनईपी एक मजबूत शिक्षा इकोसिस्‍टम तैयार करने और आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने में योगदान देगी।
धर्मेन्‍द्र प्रधान ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान शैक्षणिक संस्थान और कौशल विकास केंद्र प्रभावित हुए हैं, लेकिन सरकार ने बड़े पैमाने पर डिजिटल सामग्री विकसित करके शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में देश का हर गांव हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ जाएगा और बड़े पैमाने पर किये जा रहे डिजिटलीकरण के ये प्रयास नई शिक्षा, कौशल और उद्यमशील इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहे हैं। प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि जहां शिक्षक, समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वहीं प्रौद्योगिकी भी समाज को नया आकार दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के व्यापक आगमन और बदलते हुए समाज के साथ, हमारे शिक्षकों को फिर से ‘रि-स्किल्‍ड और अप-स्किल्‍ड‘ होने की जरूरत है। उन्‍होंने अनुरोध किया कि जिस प्रकार हम “आजादी का अमृत महोत्सव” मना रहे हैं, उसी प्रकार हमें अपने युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जिससे भारत, आत्मानिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के साथ, भारत का तेजी से आर्थिक विकास होगा और वह वैश्विक विकास का इंजन बनेगा। उन्‍होंने उद्योग जगत से इस मिशन में अपना योगदान देने का आह्वान किया।

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