नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम के बारे में बात की। तालिबान ने रविवार को देश की केंद्र सरकार के कब्जे वाले काबुल के बाहर के आखिरी बड़े शहर को जब्त कर लिया। बाकी बचे दो शहरों मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद के रातोंरात ढह जाने के बाद तालिबान विद्रोहियों ने काबुल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि दो शीर्ष राजनयिकों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की। इसके तुरंत बाद, भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया। अफगानिस्तान की हालिया घटनाओं पर चर्चा की। काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की तात्कालिकता को रेखांकित किया। मैं इस संबंध में चल रहे अमेरिकी प्रयासों की गहराई से सराहना करता हूं। गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। यहां सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी पूरी हो गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है। राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि गनी ताजिकिस्तान जा रहे हैं। काबुल की पुलिस ने अपने हथियार तालिबान को सौंप दिए हैं। इससे पहले आंतरिक और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्रियों अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोगों को सुरक्षित किया जाएगा, क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं।