नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान का समर्थन करना चाहिए, न कि उस पर प्रेशर डालना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रैब के साथ फोन पर बातचीत में कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान का मार्गदर्शन और समर्थन करना चाहिए, न कि उस पर अधिक दबाव डालना चाहिए, क्योंकि अफगानिस्तान अभी सत्ता हस्तांतरण के दौर से गुजर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने वांग के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति अस्थिर और अनिश्चित बनी हुई है। बता दें कि रविवार को काबुल में कब्जे के साथ ही तालिबान की 20 साल बाद अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी हुई है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा जमाना शुरू कर दिया था। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान पर अधिक दबाव डालने के बजाय इसे सकारात्मक दिशा में प्रोत्साहित और मार्गदर्शित करना चाहिए, जो स्थिति को स्थिर करने के लिए अनुकूल होगा। बहरहाल, मौजूदा समय में चीन ने आधिकारिक तौर पर तालिबान को अफगानिस्तान की नई सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी है, मगर वांग ने पिछले महीने तियानजिन में अपने तालिबान के राजनीतिक मामलों के प्रमुख मुल्ला बरादर की मेजबानी की थी और कहा था कि तालिबान से अफगानिस्तान की शांति और पुनर्निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। राब के साथ फोन पर बातचीत में वांग ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान का भू-राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि इसकी स्वतंत्रता और उनके लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए। चीन ने कहा कि वह तालिबान के साथ संपर्क और संचार बनाए हुए है और अफगानिस्तान में उसके सत्ता पर काबिज होने के बाद उनके कार्यों पर निष्पक्ष निर्णय किया जाना चाहिए। इसने कहा कि तालिबान ज्यादा ”स्पष्टवादी तथा विवेकशील हो गया है और उम्मीद जताई कि महिलाओं के अधिकार सहित वे अपने वादे पूरा करेंगे।

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