नई दिल्ली। देशभर के लगभग हर राज्य में कोरोना वायरस मंद पड़ रहा है। हालांकि, केरल महामारी की शुरुआत से ही सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल रहा है और अब तक यह ट्रेंड बरकरार है। स्थिति यह है कि केरल के सभी 14 जिलों में संक्रमण खतरे के स्तर से अभी भी पार है। इन जिलों में संक्रमन दर अभी भी 10 फीसदी से ज्यादा बना हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी 15-21 अगस्त के आंकड़े देखें तो राज्य में अभी भी देश के कुल मामलों के आधे केस सामने आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश के 42 जिलों में अभी भी 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर है। इसका अर्थ है एक दिन में कुल जितनी जांच की गई, उसमें से 10 फीसदी से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर चिंता का विषय है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार ज्यादा संक्रमण दर वाले जिलों पर नजर रख रहा है। मंत्रालय ने इन जिलों को तीन वर्गों में बांटा है। पहला जहां 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर है, दूसरा जहां 5 से 10 फीसदी के बीच पॉजिटिविटी रेट है और तीसरा जहां यह 5 फीसदी से नीचे है। हालांकि, देशभर में 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों की संख्या जून मध्य से लेकर अगस्त मध्य तक घटी है। जहां पहले यह संख्या 143 थी, तो वहीं अब सिर्फ 43 जिलों में ही 10 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमण दर है और केरल में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक स्तर पर है। राज्य के पल्लकड़ जिले में तो संक्रमण दर 20.89 फीसदी तक पहुंच गया है। केरल के अलावा देश के आठ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 30 जिलों में भी 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर है। इनमें से राजस्थान के दो जिलों, पुडुचेरी के एक जिले में सबसे ज्यादा संक्रमण दर है। इसके अलावा सबसे ज्यादा संक्रमण दर वाले जिलों में 4 असम, मणिपुर के 9, मेघालय के तीन, मिजोरम के चार और दो-दो नगालैंड और सिक्कम के हैं।