पटना। जातीय जनगणना के मामले पर एकजुटता दिखाने के उद्देश्य से बिहार के पक्ष-विपक्ष के विभिन्न दलों का 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिला। खास बात यह है,कि इस मुद्दे पर अलग राय रखने वाली भारतीय जनता पार्टी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल है। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी कोटे से मंत्री जनक राम भी शामिल रहे।वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ थे।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि बिहार के सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखकर उन्हें बताया क किस तरह बिहार विधानसभा ने जातीय जनगणना को लेकर दो बार फरवरी 2018 तथा पुन: फरवरी 2020 में प्रस्ताव पारित किया है। बिहार के साथ पूरे देश के लोग इस मुद्दे पर एक राय रखते हैं। नीतीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी की बातों को सुना, उन्होंने इस खारिज नहीं किया है। मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रहित में हम सभी दलों के लोग एक साथ हैं। जब जानवरों व पेड़-पौधों की गिनती होती है, तब इंसानों की क्यों नहीं होनी चाहिए? सरकार के पास जातिगत समाज का आंकड़ा नहीं होगा,तब सरकार कल्याणकारी योजनाएं कैसे बना सकेगी? तेजस्वी ने कहा कि बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना को लेकर मुलाकात की है। अब प्रधानमंत्री के फैसले का इंतजार है।
प्रतिनिधिमंडल में जनता दल यूनाइटेड का प्रतिनिधित्व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी से पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी और बीजेपी कोटे से मंत्री जनक राम भी थे। बीजेपी सहित ये तीनों दल सरकार में शामिल हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में आरजेडी का प्रतिनिधित्व विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले की ओर से विधायक दल के नेता महबूब आलम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से रामरतन सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से अजय कुमार की नुमाइंदगी रही।कांग्रेस का प्रतिनिधित्व पार्टी विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने किया। एमआइएमआइएम से अख्तरूल ईमान प्रतिनिधि रहे।
पिछले माह समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी ने विधानसभा में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली भेजने का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री ने मानसून सत्र के दौरान ही विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की थी। उसके बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा गया था। संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह वक्तव्य दिया था कि जातीय जनगणना की कोई योजना नहीं है। उसके बाद बीजेपी की ओर से इस बारे में कोई वक्तव्य नहीं आया था।