वॉशिंगटन। महामारी कोरोना के जानलेवा संकमण से बचाव के लिए वायरसरोधी टीका लगवाना एकमात्र विकल्प है पर एक बुरी खबर आ रही है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कई लोग संक्रमित हो रहे हैं। इनकी संख्या भी बहुत अधिक है। हालांकि अभी तक संख्या स्पष्ट नहीं है और ना ही यह पता है कि वह दूसरों तक संक्रमण का माध्यम बन रहे हैं या नहीं। एक ओर जहां यह स्पष्ट है कि कोविडरोधी टीका अभी भी वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत रखने में मदद कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस बात की चिंता बढ़ रही है कि टीकाकरण कराने वाले लोग पहले की तुलना में गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के पूर्व निदेशक टॉम फ्रीडेन ने कहा, ‘हमें जो कुछ भी पता है और जो हम नहीं जानते हैं उसके बारे में हमें संयमित रहना होगा।’ बता दें हेल्थ एजेंसियों की ओर से स्पष्ट संदेश के अभाव में टीका लगवाने वाले लोग इस उलझन में रह जाते हैं कि वह खुद सुरक्षित कैसे रखें।
एक रिपोर्ट के अनुसार सैन फ्रांसिस्को स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग विशेषज्ञ मोनिका गांधी ने कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि हमें कई और मामले मिले हैं। हम सभी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो वैक्सीनेशन के बाद एक बार संक्रमित हुआ लेकिन हमारे पास बड़ा क्लीनिकल डेटा नहीं है।’ बता दें प्रॉविंसटाउन में समुद्री तट के किनारे छुट्टी मनाने के दौरान कई वैक्सीनेटेड और अन-वैक्सीनेटेड लोग मौजूद थे। जुलाई के आखिरी हफ्ते हुए इस कार्यक्रम के बाद जानकारी मिली कि इसमें शामिल हुए लोगों में 469 लोग संक्रमित हुए। इसमें से भी तीन चौथाई लोग ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन लगाई जा चुकी थी।
इसके बाद सीडीसी केस स्टडी के ऑथर्स ने कहा कि इसका मतलब यह हो सकता है कि संक्रमित लोग कोविड-19 को अन-वैक्सीनेटेड शख्स की तरह कोविड का संक्रमण फैला सकते थे। इसके बावजूद उन्होंने आगाह किया कि जैसे-जैसे अधिक लोगों को टीका लगेगा तो यह स्वाभाविक है कि वे भी कोविड-19 संक्रमणों के एक बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार होंगे। हालांकि यह स्टडी किसी निष्कर्ष या फैसले पर पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं थी। उधर इजरायल में हुए एक शोध के अनुसार टीकाकरण के बाद के महीनों में गंभीर बीमारी से सुरक्षा कम हो जाती है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि इस संबंध में स्टडी बहुत पुख्ता नहीं है लेकिन जानकार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी।