नई दिल्ली। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं गुरुवार से प्रशांत महासागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे। मालाबार 21 के नाम से यह संयुक्त युद्धाभ्यास 26 अगस्त से 29 अगस्त तक चलेगा, जिसमें क्वॉड्रिलेट्रल डायलॉग या क्वॉड के सभी चारों देश शामिल होंगे। ये देश बीते साल पहली बार एक साथ सैन्य अभ्यास में जुटे थे। यह मालाबार नौसैन्य अभ्यास का 25वां संस्करण है। चीन की आक्रामक नीतियों के खिलाफ इस सैन्य अभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है और इससे बीजिंग का चिढ़ना भी तय माना जा रहा है। भारतीय नौसेना ने बुधवार को बयान जारी कर बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य इसमें हिस्सा लेने वाले देशों के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर सामान्य समझ स्थापित करना है। बयान में यह भी बताया गया कि इस साल दो युद्धपोत, आईएनएस शिवालिस और आईएनएस कदमत, एक पी-81 एयरक्राफ्ट और नेवी के मरीन कमांडो मालाबार सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे। चारों क्वॉड देशों की नौसेनाओं के इस अभ्यास में डेस्ट्रॉयरस्, युद्धपोत, कॉर्वेट, पनडुब्बी, हेलीकॉप्टर, लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा यूएस नेवी सील और भारतीय नौसेना के मार्कोस सहित स्पेशल फोर्सेज भी इस सैन्य अभ्यास का हिस्सा बनेंगी। साल 1992 में मालाबार संयुक्त अभ्यास की शुरुआत हुई जिसके बाद भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच सहयोग तेजी से बढ़ा। 2007 में इसका दायरा बढ़ा कर जापान, सिंगापुर, और ऑस्ट्रेलिया को भी इस संयुक्त अभ्यास में जोड़ा गया लेकिन चीनी विरोध के चलते बात ज्यादा आगे बढ़ नहीं पाई। उस समय चीन से कोई पंगा नहीं लेना चाहता था लेकिन एक दशक बाद स्थिति बदल गई थी। आखिरकार 2015 में जापान इसका हिस्सा बना और 2020 में ऑस्ट्रेलिया भी वापस जुड़ा। जो बाइडेन के अमेरिका में सत्ता संभालने के बाद से ही अमेरिकी सरकार का जोर क्वॉड के चतुर्देशीय सहयोग को बढ़ावा देने पर रहा है। राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने जिस पहली शिखरवार्ता में शिरकत की वह इसी साल मार्च में हुई क्वॉड देशों की ही वर्चुअल शिखरवार्ता थी।

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