दुशांबे। अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बेहद खराब हैं। यहां से सटे देश ताजिकिस्‍तान ने तालिबान आतंकियों को आगाह करते हुए स्‍पष्‍ट रूप से चेताया है कि उनका देश दमन के जरिए सत्‍ता में आई सरकार को मान्‍यता नहीं देगा। ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति इमोमली राहमोन तालिबान को मान्‍यता दिलाने की मुहिम पर निकले पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ बातचीत में उन्‍हें खरी-खरी सुना दी। ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पंजशीर घाटी में ताजिक लड़ाके डटे हुए हैं। ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘ताजिकिस्‍तान अफगानिस्‍तान में दमन के जरिए और बिना सभी लोगों खासतौर पर अल्‍पसंख्‍यकों को साथ में लिए हुए सत्‍ता में आई किसी भी सरकार को मान्‍यता नहीं देगा।’ उन्‍होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्‍तान की नई सरकार में ताजिक लोगों को महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिया जाना चाहिए। राष्‍ट्रपति राहमोन ने कहा कि साक्ष्‍य स्‍पष्‍ट रूप से दिखाते हैं कि तालिबान अपने पहले के किए गए वादों से मुकर रहा है।
ताजिक राष्‍ट्रपति ने कहा कि तालिबान ने कहा था कि सत्‍ता में आने पर अन्‍य राजनीतिक ताकतों को भी देश में व्‍यापक भागीदारी दी जाएगी लेकिन वे अब एक इस्‍लामिक अमीरात बना रहे हैं। राष्‍ट्रपति इमोमली राहमोन का यह सख्‍त बयान बेहद अहम माना जा रहा है क्‍योंकि अफगानिस्‍तान की सीमा ताजिकिस्‍तान से मिलती है। अगर अफगानिस्‍तान में अस्थिरता बढ़ती है तो इसका सीधा असर ताजिकिस्‍तान पर पड़ना तय है। अफगानिस्‍तान में पश्‍तून, उज्‍बेक और हजारा के साथ-साथ ताजिक मूल के लोग बड़ी संख्‍या में रहते हैं। राष्‍ट्रपति राहमोन ने कहा, ‘मैं अफगानिस्‍तान में हत्‍या, अव्‍यवस्‍था, लूट और अफगान लोगों खासतौर पर ताजिक, उज्‍बेक और अन्‍य अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार की निंदा करता हूं। यह जरूरी है कि एक ऐसी सम्मिलित सरकार बनाई जाए जिसमें सभी राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक खासतौर पर ताजिक मूल के लोगों को भागीदारी दी जाए।’ ताज‍िकिस्‍तान अफगान‍िस्‍तान की तालिबान सरकार में ताजिक मूल के लोगों के भविष्‍य को लेकर चिंतित है। ताजिकिस्‍तान इससे पहले इस मुद्दे को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भी उठा चुका है। राष्‍ट्रपति राहमोन ने कहा कि अफगानिस्‍तान में पैदा हुई खतरनाक स्थिति न केवल अफगान जनता के लिए बल्कि विश्‍व समुदाय के लिए समस्‍या बन चुका है।

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