इस्लामाबाद। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने भारत को लेकर अपने रुख में नरमी दिखाई है। तालिबान के शीर्ष प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा हम भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं। उन्होंने संकल्प दोहराया कि अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल, किसी को भी, किसी भी देश के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा।
मुजाहिद ने कहा हम भारत को क्षेत्र में एक अहम हिस्सा मानते हैं और उसके साथ परस्पर निर्भरतायोग्य मैत्रीपूर्ण संबध विकसित करने के इच्छुक हैं। मुजाहिद ने कहा कि हम क्षेत्र के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हमारी आकांक्षा है कि भारत अफगान लोगों के हितों के अनुरूप अपनी नीति तैयार करे। अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के फिर से सिर उठाने की आशंका से जुड़े सवाल के जवाब में मुजाहिद ने कहा हमने पहले भी कहा है कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी अन्य देश के खिलाफ नहीं करने देंगे।
हमारी नीति बिलकुल स्पष्ट है। मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को लंबित मुद्दों का समाधान निकालने के लिए एक साथ बैठना होगा, क्योंकि ये दोनों पड़ोसी हैं और उनके हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर, तालिबान के कतर स्थित प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान और भारत के बीच बातचीत निष्पक्षता की शर्त पर हो सकती है। उन्होंने कहा दोहा समझौते के अनुसार, तालिबान किसी भी व्यक्ति या संस्था को दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ हमला करने के लिए अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा।
भारत-तालिबान बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल पर सुहैल शाहीन ने कहा कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल के पास आने या मिलने की खबरें थीं। मैंने देखा है, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता, क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं हुआ है। इससे पहले ऐसी खबरें आईं थीं कि भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के साथ बात की है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।

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