नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में निर्णायक जंग शुरू होने जा रही है। सितंबर से कोरोना टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ने जा रहा है। शुक्रवार को एक करोड़ से अधिक टीके लगाने का रिकॉर्ड बनाने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर में टीकाकरण तेज करने के लिए तैयारियां आरंभ कर दी हैं। सितंबर में 24 करोड़ से अधिक टीके लगाए जाने की संभावना है।लकेंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सितंबर के लिए कोरोना टीके की 24 करोड़ खुराक का इंतजाम किया जा रहा है। इसलिए यह उम्मीद है कि सितंबर में औसतन रोज 80 लाख टीके लगाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। जबकि अगस्त में अभी कुछ दिन बाकी हैं लेकिन 53-54 लाख रोजाना टीके का औसत आ रहा है। अभी तक टीकाकरण कार्यक्रम पूरी तरह से कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन पर ही निर्भर है। स्पूतनिक वी टीके की आपूर्ति सीमित है। अब तक कुछ लाख ही स्पूतनिक टीके ही लग पाए हैं। जबकि अब तक लगे 63 करोड टीकों में करीब 55 करोड़ कोविशील्ड तथा 7.63 करोड़ कोवैक्सीन हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सितंबर में देश में निर्मित स्पूतनिक टीके की आपूर्ति शुरू होने की संभावना है। इससे टीके की उपलब्धता बढ़ेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अगस्त में टीके की उपलब्धता 17-18 करोड़ के बीच रहने की है। हालांकि सरकार की कोशिश थी कि 20 करोड़ टीके अगस्त में उपलब्ध हों। लेकिन भारत बायोटेक की नई यूनिटों में उत्पादन में विलंब एवं स्पूतनिक की आपूर्ति में देरी से यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। सितंबर में कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहले स्पष्ट कर चुका है कि अक्तूबर के पहले सप्ताह में जायकोव डी के टीके की आपूर्ति शुरू हो जाएगी तथा अक्तूबर के आखिर तक इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। लेकिन दो विदेशी टीकों जॉनसन एंड जॉनसन एवं मॉडर्ना के टीके कभी भी देश में आ सकते हैं। दोनों टीकों को मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन इन्हें अभी भारतीय विदेशों से आयात करके लाया जाना है। संभावना है कि सितंबर में इन दोनों टीकों की आपूर्ति भी शुरू हो सकती है। देश में इसी साल 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरूआत हुई थी तब प्रतिदिन टीके लगने का औसत महज दो लाख था। बता दें कि देश में एक बार फिर से तीसरी लहर का खतरा बढ़ता जा रहा है, क्योंकि केरल में मिलने वाले कोरोना के आंकडे़ डराने वाले हैं।

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