नई दिल्ली। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने तीन बार भारतीय टीम को ओलंपिक स्वर्ण पदक जिताया था। ध्यानचंद की जयंती को इसलिए राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है। ध्यानचंद की कप्तानी में ही भारत ने 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। वहीं भारत का 1964 तक हॉकी पर एकाधिकार बना हुआ था। भारतीय टीम ने 1928 से 1964 के बीच ओलंपिक में हॉकी के 8 मुकाबलों में से सात बार स्वर्ण पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक में पुरुष और महिला हॉकी टीमों के बेहतर प्रदर्शन से एक बार फिर भारतीय हॉकी को अपने सुनहरे दिन वापस आने की उम्मीद है। टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद कोई पदक जीता है। वहीं महिला टीम ने भी अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा है। केन्द्र सरकार ने 6 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखे गए देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से बदलकर ”मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार” कर दिया था। वहीं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को ‘फिट इंडिया फ्रीडम रन 2.0′ के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की है. यह दौड़ 15 अगस्त से शुरू होकर दो अक्टूबर तक चलेगी